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समय की दीवार पर चमकीली इबारत लिखने वाले भारतीय

08:25 AM Apr 28, 2024 IST
समय की दीवार पर चमकीली इबारत लिखने वाले भारतीय
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लोकमित्र गौतम
हर साल की तरह न्यूयार्क से प्रकाशित अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका टाइम ने इस साल भी ‘द हंड्रेड मोस्ट इन्फ्लूएंशियल पीपुल ऑफ द ईयर 2024’ की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में दुनिया के प्रभावशाली आर्टिस्ट, आइकंस, लीडर्स, इनोवेटर्स और पायनियर्स को जगह मिली है। बता दें कि हाल के कई सालों की तरह इस साल भी दुनियाभर प्रभावशाली लोगों की इस सूची में अच्छी-खासी संख्या भारतीयों की है।

अभिनेता देव पटेल

ये भारतीय हैं ताजा सूची में शामिलं

इस बार पूरी दुनिया के 100 महत्वपूर्ण लोगों की लिस्ट में जिन भारतीयों ने अपनी जगह बनायी है, उनमें विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, पूर्व ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, स्लमडॉग मिलेनियर में भूमिका निभाने वाले अभिनेता देव पटेल, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के ऋण कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक जिगर शाह, येल यूनिवर्सिटी में खगोल भौतिकी की प्रोफेसर और ‘मैपिंग द हेवेन्स : द रेडिकल साइंटिफिक आइडियाज दैट रिवील द कॉसमॉस’ की लेखिका प्रियंवदा नटराजन और भारतीय मूल की रेस्तरां मालकिन असमा खान शामिल हैं। बता दें कि टाइम मैगजीन की इस सूची में भारतीय नागरिकों समेत भारतीय मूल के वे व्यक्ति भी शामिल हैं जो विदेशों में बसें हैं यानी अब वहां के नागरिक हैं।

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चयन प्रक्रिया के जटिल अवरोध और कसौटियां

टाइम पत्रिका की सालाना प्रकाशित होने वाली इस सम्मानित सूची में अपनी जगह बनाना कोई छोटी बात नहीं होती। इस सूची में होने का मतलब है कि प्रभाव के ग्लोब में आपकी एक सुनिश्चित जगह और पहचान है। दुनिया के प्रभावशाली लोगों की यह प्रतिष्ठित सूची कई जटिल अवरोधों से गुजरकर बनती है। इसमें शामिल होने के लिए टाइम पत्रिका के 100 एक खास समूह की राय और इसके अंतर्राष्ट्रीय लेखन स्टाफ से नामांकन मंगाए जाते हैं। इस तरह प्रभाव आकलन की कई कसौटियों से गुजरकर किसी शख्स का टाइम मैगजीन के प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल होना, अपने आपमें महत्वपूर्ण है। साल 1923 से प्रकाशित हो रही इस पत्रिका की अब तक की प्रभावशाली सूचियों में सैकड़ों भारतीय अपनी जगह बना चुके हैं। अमिताभ बच्चन, सोनिया गांधी, शाहरुख खान, इंद्रा नूई और राजामौली जैसी शख्सियतें इसकी सूची में कई बार जगह पाती रही हैं। एक बार इस सूची में किसी का नाम आ जाता है तो फिर वह पूरी दुनिया में अपनी पहचान का मोहताज नहीं रहता। प्रभावशाली लोगों की यह सालाना सूची हर साल मैनहटन में आयोजित एक समारोह में जारी की जाती है।

‘पृथ्वी ग्रह के प्रभावी अंबेसडर’

हालांकि इस सूची का दुनिया की किसी आधिकारिक संस्था, संगठन या समारोह से कोई रिश्ता नहीं है, फिर भी एक बार आपका नाम इस सूची में आ जाए तो फिर पूरी दुनिया आपके बारे में जानने को उत्सुक रहती है। ..और ये 100 लोग वास्तव में पृथ्वी ग्रह के प्रभावशाली अंबेसडर माने जाते हैं। माना जाता है कि इनके काम मानवता के हित में होंगे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शानदार और सकारात्मक राह दिखाएंगे। स्वास्थ्य, व्यवसाय, मनोरंजन, विज्ञान, राजनीति या कोई भी क्षेत्र जिससे लोग या लोगों का समूह प्रभावित होता हो, उन सब क्षेत्रों से इस सूची के लिए महत्वपूर्ण शख्सियतें चुनी जाती हैं। इसलिए इस सूची के लिए निश्चित विषय नहीं हैं,यह चयन ऐसे लोगों द्वारा किया जाता है, जिनका चयनित लोगों से कोई दूर-दूर तक का रिश्ता न हो। मसलन ब्रिटिश फिल्म और टेलीविजन निर्माता, निर्देशक व लेखक टॉम हार्पर ने इस सूची के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट की सिफारिश करते हुए उन्हें दुनिया की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक बताया है। साथ ही टॉम ने उन्हें कुशल व्यवसायी, ईमानदार और परोपकारी महिला माना है।

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मानवता की भलाई में योगदान भी मापदंड

इसी तरह यूएस ट्रेज़री सेक्रेटरी जेनेट ऐलेन ने अजय बंगा की इस पत्रिका की सूची के लिए सिफारिश करते हुए लिखा है कि वे एक बड़ी कंपनी का नेतृत्व करने के बाद विश्व बैंक में आये हैं और लाखों बैंक रहित लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा है। उन्होंने विश्व बैंक में गरीबी मुक्त दुनिया बनाने के लिए एक नया दृष्टिकोण रखा है और इसे पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस सूची का हिस्सा सत्या नडेला भी एक ऐसी भारतीय शख्सियत हैं, जिन्हें कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में एआई क्रान्ति का जनक माना गया है। गौरतलब है कि टेक्नोलॉजिस्ट सत्या नडेला एआई को इंसानों को सशक्त बनाने के उपकरण के तौर पर देखते हैं, यह समूची मानवता के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान है।

साक्षी का उल्लेख बतौर प्रतिरोध की योद्धा

टाइम की सालाना ताजा सूची का हिस्सा बनी साक्षी मलिक हाल के दिनों में अपनी एक पहलवान होने की पारंपरिक पहचान के अतिरिक्त प्रतिरोध के योद्धा के रूप में उभरकर सामने आयी हैं। उनके बारे में फिल्म निर्माता निशा पाहुजा ने लिखा है, ‘वह भारत के सबसे प्रसिद्ध पहलवानों में से एक थीं, लेकिन एक अन्याय से मुकाबला करते हुए उन्होंने कुश्ती के खेल से संन्यास ले लिया।’ मालूम हो कि साक्षी मलिक बृजभूषण शरण सिंह के एक करीबी व्यक्ति के डब्ल्यूएचआई अध्यक्ष बनने से खफा थीं और इसी वजह से उन्होंने कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया। गौरतलब है कि पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाये थे। इस सूची का हिस्सा बने अभिनेता देव पटेल पहली बार लाइमलाइट में तब आये थे, जब स्लमडॉग मिलेनियर में उन्हें जमाल मलिक के रूप में दुनिया ने देखा था और उन्हें इसके लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला था। उनके बारे में अभिनेता डेनियल कालूया ने लिखा है कि वे बड़े पर्दे पर अच्छाइयां बिखेरते हैं, जब वे स्क्रीन पर आते हैं तो मानवता चमकती है।

भारत के रुतबे व पेशेवरों की बढ़ी साख का सबूत

टाइम पत्रिका की प्रभावशाली लोगों की सालाना सूची में शामिल होना इसलिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस सूची में शामिल होने के बाद आप न सिर्फ प्रत्यक्ष रूप से बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी अपने आसपास के लोगों के साथ साथ पूरी दुनिया के लोगों को प्रभावित करने की क्षमता पा लेते हैं। भारत में हमेशा से कुछ एक योग्य प्रभावशाली लोग होते रहे हैं। जैसे एक दौर में दुनिया की सबसे प्रभावशाली शख्सियत महात्मा गांधी थे, तो अपने-अपने समय पर जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिल्म अभिनेत्री नरसिग दत्त, निर्माता-निर्देशक राजकपूर, क्रिकेटर सुनील गावस्कर, बाद में सचिन तेंदुलकर और दर्जनों दूसरे लोग इस प्रभावशाली सूची का हिस्सा बनते रहे हैं। लेकिन अब के पहले इतने बड़े पैमाने पर एक साथ भारतीयों का नाम इस सूची में शामिल नहीं होता रहा जैसा कि पिछले एक-डेढ़ दशकों से हो रहा है। इससे साफ पता चलता है कि यह अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ गिने-चुने भारतीयों की शानदार कामयाबी का नतीजा नहीं है बल्कि इसके पीछे भारत का दुनिया में बढ़ता रुतबा, भारतीय प्रोफेशनलों की मजबूत होती वैश्विक साख और दुनिया की गिरती जनसंख्या के बीच भविष्य में वर्कफोर्स समस्या का मजबूत विकल्प बनकर उभरे भारतीयों की ताकत है। भारत पर आज पूरी दुनिया की नजर है। आज दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहे भारतीयों का हर कोई नोटिस ले रहा है और उन्हें प्रभावशाली मान रहा है। निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि यह आज के युवा भारत के चमकदार भविष्य की गारंटी है। -इ.रि.सें.

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