For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Indian student deportation: अमेरिकी अदालत ने भारतीय छात्र सूरी के निर्वासन पर रोक लगाई

12:01 PM Mar 21, 2025 IST
indian student deportation  अमेरिकी अदालत ने भारतीय छात्र सूरी के निर्वासन पर रोक लगाई
बदर खान सूरी। स्रोत X
Advertisement

न्यूयॉर्क, 21 मार्च (भाषा)

Advertisement

Indian student deportation: अमेरिका की एक संघीय अदालत ने आव्रजन अधिकारियों को हिरासत में लिए गए उस भारतीय छात्र को निर्वासित नहीं करने का आदेश दिया है जिस पर ‘‘हमास का सक्रिय प्रचार'' करने का आरोप है। वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पैट्रिशिया टोलिवर जाइल्स ने आदेश दिया कि बदर खान सूरी को ‘‘तब तक अमेरिका से नहीं निकाला जाएगा जब तक कि अदालत इसके विपरीत आदेश जारी न कर दे।''

सूरी के वकील ने पहले दाखिल एक अदालती दस्तावेज में लिखा था कि सूरी को सोशल मीडिया पर किए गए उसके पोस्ट और उसकी पत्नी की ‘‘फलस्तीनी पहचान'' के कारण निशाना बनाया गया। हिरासत में लिया गया भारतीय बदर खान सूरी वाशिंगटन स्थित ‘जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी' के ‘एडमंड ए वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस' में ‘अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिस्चियन अंडरस्टैंडिंग' में शोधार्थी है।

Advertisement

आंतरिक सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने पहले ‘पीटीआई' को दिए एक बयान में कहा था कि ‘‘सूरी जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय का विदेशी छात्र है जो हमास का सक्रिय रूप से प्रचार कर रहा था और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा था। सूरी के उस ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध हैं, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है।''

बयान में कहा गया, ‘‘विदेश मंत्री ने 15 मार्च, 2025 को एक निर्णय जारी किया कि सूरी की अमेरिका में गतिविधियों और उपस्थिति के कारण उसे निर्वासित किया जा सकता है।'' सूरी के वकील हसन अहमद ने 18 मार्च को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका के अनुसार, आंतरिक सुरक्षा विभाग ने 17 मार्च को सूरी को गिरफ्तार किया था।

सूरी के वकील ने तर्क दिया कि संघीय अधिकारियों ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया है कि उसने कोई अपराध किया है और उसे हिरासत में लेना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उचित प्रक्रिया का पालन किए जाने के उसके अधिकारों का उल्लंघन है। वकील ने कहा कि सूरी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उसके पास अमेरिका में रहने के लिए अधिकृत वीजा है और उसकी पत्नी एक अमेरिकी नागरिक है।

अहमद ने सीएनएन को दिए एक बयान में कहा, ‘‘हम न्यायाधीश जाइल्स के फैसले का स्वागत करते हैं।'' डिजिटल अखबार ‘पॉलिटिको' की एक खबर में बताया गया था कि ‘‘अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के बीच, संघीय आव्रजन अधिकारियों ने सूरी को हिरासत में लिया है'' जो छात्र वीजा पर पढ़ाई और अध्यापन कर रहा है।''

खबर में बताया गया कि ‘‘नकाब पहने एजेंटों'' ने सोमवार रात वर्जीनिया में सूरी को उसके घर के बाहर से हिरासत में लिया। खबर के अनुसार, भारतीय छात्र की याचिका में कहा गया है, ‘‘एजेंटों ने खुद को आंतरिक सुरक्षा विभाग से जुड़ा बताया और सूरी को बताया गया कि सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है।''

खबर में यह भी बताया कि सूरी की याचिका के अनुसार, उसे ‘‘आव्रजन कानून के उसी दुर्लभ प्रावधान के तहत निर्वासन कार्रवाई'' के दायरे में लाया गया है, जिसका इस्तेमाल सरकार ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक और ‘ग्रीन कार्ड' धारक महमूद खलील को निर्वासित करने के लिए किया था। खलील को कोलंबिया विश्वविद्यालय के परिसर में इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

Advertisement
Tags :
Advertisement