नशा तस्करी में भारतीय मूल के व्यक्ति को फांसी
सिंगापुर, 7 जुलाई (एजेंसी)
भारतीय मूल के मलेशियाई व्यक्ति कलवंत सिंह को मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में अंतिम क्षणों में सिंगापुर की शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद बृहस्पतिवार को फांसी की सजा दे दी गई। सिंह (31) को 60.15 ग्राम डायामॉर्फिन रखने और 120.9 ग्राम मादक पदार्थ की तस्करी करने के आरोप में 2013 में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2016 में अदालत ने दोषी करार दिया था। सिंगापुर के अधिकारियों ने सिंह को मृत्युदंड देने का नोटिस 30 जून को जारी किया था और 7 जुलाई को सजा की तामील होनी थी, जिसे रुकवाने के लिए बुधवार को कुआलालंपुर में सिंगापुर उच्चायोग के सामने प्रदर्शन करने के लिए मानवाधिकार सक्रियतावादी एकत्र हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंगापुर के चांगी जेल में सिंह के अलावा नोराशारी गौस को भी मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में फांसी की सजा दी गई। सिंह ने फांसी की सजा से एक दिन पहले सजा माफ करने की अपील की थी और कहा था कि उसने केवल मादक पदार्थ पहुंचाए थे और पुलिस के साथ सहयोग किया था। परंतु, अदालत ने उसकी दलीलें खारिज कर दी। सिंगापुर में मादक पदार्थों के विरुद्ध बेहद कड़े कानून हैं और मार्च में एक मादक पदार्थ तस्कर को फांसी दी गई थी। अप्रैल में 34 वर्षीय एक व्यक्ति नागेन्द्रन धर्मलिंगम को भी फांसी दी गई थी जो मानसिक रूप से अस्वस्थ भारतीय मूल का मलेशियाई नागरिक था।
15 ग्राम से अधिक मादक पदार्थ पर सजा ए मौत का प्रावधान : सिंगापुर में 15 ग्राम से अधिक मादक पदार्थ रखने पर फांसी की सजा का प्रावधान है। दो साल से ज्यादा समय बाद, इन कानूनों के उल्लंघन के लिए फांसी देना फिर से शुरू किया गया है। देश में वर्तमान में लगभग 60 आरोपी ऐसे हैं जिन्हें मृत्युदंड दिया जाना है। मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे पर काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने सिंह और गौस को फांसी देने की आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी फांसी के प्रावधान को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।