संस्कृति का दर्पण है ‘भारतीय संविधान’: डॉ. भारत
चंडीगढ़, 27 नवंबर (ट्रिन्यू)
भारतीय संविधान राष्ट्र की संस्कृति पर आधारित है। भारत के संविधान को समझने के लिए संस्कृति को समझना आवश्यक है। पंजाब विश्वविद्यालय स्थित अंकुर स्कूल में संविधान दिवस समारोह में यह कहना था विश्वविद्यालय विधि अध्ययन संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर एवं समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. भारत का। अपने वक्तव्य में डॉ. भारत ने भारतीय संविधान के महत्त्व पर अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण साझा किए। अपने प्रेरक भाषण के माध्यम से उन्होंने मूल्यों और मूल्यवान, प्रेरणा और प्रभाव, अनुशासन और कर्तव्य, सफलता और संतुष्टि के बीच अंतर को उदाहरण सहित स्पष्ट किया। डॉ. भारत ने छात्रों को संविधान से प्रेरणा लेने और जिम्मेदार नागरिक बनने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह समारोह छात्रों के बीच देशभक्ति और नागरिक जागरूकता को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका था।
स्कूल की प्रिंसिपल अरूणा धीमान ने कहा कि ऐसे आयोजन करके, अंकुर स्कूल का लक्ष्य जिम्मेदार और सक्रिय नागरिकों का पोषण करना है जो भारत के भविष्य को आकार देंगे। समारोह के अंत में भारतीय संविधान के बारे में छात्रों के ज्ञान का परीक्षण करने के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।