मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

मदवि में भारतीय तपस्वी परंपराएं : पाठ्य सामग्री, रीति-रिवाज पर संगोष्ठी आयोजित

10:43 AM Mar 20, 2024 IST
Advertisement

रोहतक, 19 मार्च (हप्र)
भारत में यौगिक परंपरा के महत्व तथा भारतीय तपस्वियों की परंपराओं की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में- भारतीय तपस्वी परंपराएं : पाठ्य सामग्री, रीति-रिवाज तथा दृश्य संस्कृति विषयक बहु-अनुशासनात्मक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारंभ हुई। एमडीयू के दृश्य कला विभाग तथा यौगिक अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एशियन एंड मिडल ईस्टर्न स्टडीज के संस्कृत के प्रोफेसर डा. जेम्स मैलिनसन ने हठ योग की प्रक्रिया एवं परंपरा बारे जानकारी दी। उन्होंने भारत में नाथ संप्रदाय द्वारा हठ योग के प्रचलन की ऐतिहासिक जानकारी साझा की। विशेष रूप से अमृत सिद्धी, दत्तात्रेय योग शास्त्र, गौरक्षशतक तथा हठ प्रदीपिका के विवरण तथा भारत के विविध स्थानों-स्थलों पर हठ योग संबंधित मूर्तियों का विवरण प्रो. जेम्स मैलिनसन ने दिया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एमडीयू के डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने कहा कि यह संगोष्ठी भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी है। जरूरत है कि प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़कर भारत की कालजयी परंपराओं का अध्ययन करें।
कार्यक्रम के प्रारंभ में एमडीयू के यौगिक अध्ययन केन्द्र के निदेशक प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने स्वागत भाषण दिया। संगोष्ठी की आयोजन सचिव डा. अंजलि दूहन ने संगोष्ठी की थीम बारे बताया। उद्घाटन सत्र में मंच संचालन डा. प्रियंका यादव ने किया। आभार प्रदर्शनी शोधार्थी दीपांजली दयाल ने किया।

Advertisement
Advertisement
Advertisement