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भारत का अभूतपूर्व प्रदर्शन, पदक संख्या में दस का दम

12:25 PM Sep 01, 2021 IST

टोक्यो, 31 अगस्त (एजेंसी)

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गत चैंपियन मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार ने मंगलवार को यहां पुरुष ऊंची कूद टी42 स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते जिससे टोक्यो पैरालंपिक में अभूतपूर्व प्रदर्शन के बीच भारत के पदकों की संख्या 10 तक पहुंच गई। मरियप्पन ने 1.86 मीटर के प्रयास के साथ रजत पदक अपने नाम किया जबकि अमेरिका के सैम ग्रेव ने अपने तीसरे प्रयास में 1.88 मीटर की कूद के साथ सोने का तमगा जीता। शरद ने 1.83 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। टी42 वर्ग में उन खिलाड़ियों को रखा जाता है जिनके पैर में समस्या है, पैर की लंबाई में अंतर है, मांसपेशियों की ताकत और पैर की मूवमेंट में समस्या है। इस वर्ग में खिलाड़ी खड़े होकर प्रतिस्पर्धा पेश करते हैं।

शरद कुमार

भारत ने अब तक दो स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं। रियो में 5 साल पहले स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक थे। उन्हें स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

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सिंहराज अडाना

इससे पहले मंगलवार को निशानेबाज सिंहराज अडाना ने पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएफ1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उन्होंने छठे स्थान पर रहकर 8 निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनायी थी। क्वालीफिकेशन में 575 अंक के साथ शीर्ष पर रहने वाले मनीष नरवाल हालांकि फाइनल में सातवां स्थान ही हासिल कर पाये। सोमवार को अवनि लखेड़ा ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था।

0 मरियप्पन ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘मैं विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत सकता था। मैं उसी लक्ष्य के साथ यहां आया था, लेकिन बारिश से सब गड़बड़ हो गई । शुरूआत में बूंदाबांदी हो रही थी लेकिन 1.80 मीटर मार्क के बाद तेज होने लगी। मेरे दूसरे पैर (दाहिना पैर) का मोजा गीला हो गया और कूदना मुश्किल हो गया था।…अब मैं 2024 में पेरिस में स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा ।’

0 कांस्य पदक विजेता कुमार ने कहा कि वह चोट के कारण स्पर्धा से नाम वापिस लेने की सोच रहे थे। ‘कल मेरे घुटने में चोट लगी थी। मैने नाम वापिस लेने के बारे में सोचा । अपने परिवार से बात की लेकिन उन्होंने खेलने को कहा। उन्होंने कहा कि भगवद् गीता पढो और कर्म पर ध्यान लगाओ। जो मेरे वश में नहीं है, उसके बारे में मत सोचो।’

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अभूतपूर्वप्रदर्शन,संख्या