नये साल में भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (एजेंसी)
भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का ‘निर्णायक’ तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘दर्जा’ कायम रखा। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह नये साल में भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है।
70 हजारी हो सकता है सोना
मुंबई (एजेंसी) : नये साल 2024 में सोना 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये की स्थिरता, भूराजनीतिक अनिश्चितता आदि कारणों से नये साल में भी सोने का आकर्षण कायम रहेगा। फिलहाल जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स में सोना 63,060 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यह 2,058 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के आसपास है। वहीं, रुपया इस समय 83 प्रति डॉलर के पार पहुंच चुका है। दिसंबर की शुरुआत में वैश्विक तनाव की वजह से पश्चिम एशिया में सोने के दाम एक बार फिर चढ़ गए।
निर्यात के लिए अच्छा रहेगा
विकसित देशों में मुद्रास्फीति घटने, ब्याज दरों में नरमी, वैश्विक मांग में धीरे-धीरे सुधार और अन्य कारकों की वजह से नया साल देश के निर्यात के लिए अच्छा रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि 224 में देश का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाएं) 900 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन वस्तुओं की तुलना में बेहतर रहेगा। देश का कुल निर्यात 2024 में 900 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।
आत्मनिर्भरता के लिए तंत्र विकसित कर रहा है भारत : राजनाथ
तेजपुर (असम) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सरकार देश को सामरिक लिहाज से अहम अर्थव्यवस्था बनाने के लिए घरेलू रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक मजबूत आधार विकसित कर रही है। सिंह ने यहां तेजपुर विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में कहा कि उनका मंत्रालय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। रक्षा मंत्रालय द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार हथियारों का आयात कम हुआ है, जबकि निर्यात बढ़ा है।