Donald Trump के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका के साथ व्यापार में चीन से बेहतर स्थिति में होगा भारत
07:47 PM Nov 06, 2024 IST
नयी दिल्ली, 6 नवंबर (भाषा)
Trump and India: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से भारत के लिए नए अवसर खुलेंगे, हालांकि आयात और एच1बी वीजा नियमों पर अंकुश लगाने का फैसला हुआ तो फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) जैसे कुछ क्षेत्रों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने बुधवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती का भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, भारत को आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बनाए रखने के लिए अपनी रणनीतियों को बदलना पड़ सकता है।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘‘ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए एक नया अवसर हो सकता है। ट्रंप उन देशों पर शुल्क और आयात प्रतिबंध लगाएंगे, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि वे अमेरिका के अनुकूल नहीं हैं। इनमें चीन और यहां तक कुछ यूरोपीय देश शामिल हैं। अगर ऐसा हुआ तो इससे भारतीय निर्यात के लिए बाजार खुल सकते हैं।''
बार्कलेज ने बुधवार को एक शोध रिपोर्ट में कहा कि व्यापार नीति के लिहाज से ट्रंप एशिया के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं। बार्कलेज ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि ट्रंप के शुल्क प्रस्ताव चीन के सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत की कमी लाएंगे - और क्षेत्र की बाकी अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव डालेंगे।'' इसमें कहा गया कि भारत, इंडोनेशिया और फिलिपीन सहित ऐसी अर्थव्यवस्थाएं उच्च शुल्क के प्रति कम संवेदनशील होंगी, जो घरेलू बाजार पर अधिक निर्भर हैं।
कुमार ने कहा कि ट्रंप भारत को एक मित्र देश के रूप में देखेंगे, और उनके रहते भारत में अमेरिकी कंपनियों के बड़े निवेश की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर ट्रंप की जीत भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत ही सकारात्मक घटना है।
मद्रास स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक एन आर भानुमूर्ति ने कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि ट्रंप भारतीय उत्पादों पर शुल्क लगाएंगे, क्योंकि अमेरिका के लिए चिंता भारत को लेकर नहीं, बल्कि चीन के बारे में अधिक है।'' दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के व्यापार संरक्षणवादी विचारों का भारत के निर्यात पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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