आयातक से मोबाइल फोन निर्यातक बनने की ओर भारत
डॉ. शशांक द्विवेदी
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में एशिया के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी मंच, भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया। आईएमसी एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच है। यह आयोजन दूरसंचार और प्रौद्योगिकी में भारत की अविश्वसनीय प्रगति को रेखांकित करने, महत्वपूर्ण घोषणाएं करने तथा स्टार्ट-अप को अपने नए प्रोडक्ट्स और समाधानों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। आईएमसी 2023 में लगभग 22 देशों के एक लाख से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 5000 सीईओ स्तर के प्रतिनिधि, 230 प्रस्तुतिकर्ता, 400 स्टार्टअप और अन्य हितधारक शामिल हुए।
तीन दिन तक चलने वाले इस टेक इवेंट के 7वें संस्करण में 6जी, 5जी नेटवर्क सुधार, दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों पर फोकस रहा। सम्मेलन में कहा गया कि हम 6जी तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। दरअसल, चाहे 6जी हो, एआई हो, साइबर सिक्योरिटी हो, सेमीकंडक्टर हो, ड्रोन हो, डीप सी हो, आने वाला समय बिल्कुल अलग होने वाला है। नि:संदेह यह सभी के लिए खुशी की बात है कि हमारी युवा पीढ़ी देश के भविष्य का नेतृत्व कर रही है।
‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कैसे भारत आयातक से मोबाइल फोन का निर्यातक बन गया है। साथ ही एप्पल, गूगल जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरर बनने के लिए तैयार हैं। इस इवेंट में 6जी टेस्चबेड की लॉन्चिंग भी हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने देश के 100 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थान में 5जी एप विकास प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किए जाने की घोषणा भी की । इन लैब्स में 5जी से जुड़ी तमाम टेक्नोलॉजी का टेस्ट होगा। देश के नागरिकों की पूंजी और संसाधनों के साथ प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।
हाल ही में, गूगल ने भारत में अपने पिक्सल फोन के निर्माण की घोषणा की है। सैमसंग के फोल्ड 5 मोबाइल फोन और एप्पल के आई फ़ोन 15 का निर्माण भारत में किया जा रहा है। दुनिया अब मेड इन इंडिया मोबाइल फोन का उपयोग कर रही है। देश दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन गया है। भारत ने यूनिकॉर्न की एक सदी बना ली है और दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में से एक बन गए हैं। वर्ष 2014 से पहले भारत में महज कुछ 100 स्टार्ट-अप थे, लेकिन अब यह संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है।
भारत में औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड पिछले साल में 3 गुना बढ़ गई है। मोबाइल ब्रॉडबैंड की स्पीड में जहां पहले हम 118वें स्थान पर थे, आज हम 43वें स्थान पर पहुंच गए हैं। रैंकिंग और संख्या से परे इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्पीड में सुधार से जीवन सुलभ बनता है। 21वीं शताब्दी का यह कालखंड भारत की थॉट लीडरशिप का समय है। हम कुछ क्षेत्रों में थॉट लीडर बने हैं, जैसे यूपीआई हमारी थॉट लीडरशिप नयी सोच का परिणाम है। देश आज डिजिटल भुगतान प्रणाली में पूरी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। इसी तरह कोविड महामारी के समय में टीकाकरण के लिए कोविन ने निर्णायक भूमिका निभाई।
एशिया के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी मंच पर एआई एप्लीकेशन, एज कंप्यूटिंग, इंडस्ट्री 4.0 और इंडिया स्टैक को लेकर भी नई जानकारी मिली। साथ ही आईएमसी 2023 में ब्रॉडकास्ट, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर जैसे संबंधित टेक्नोलॉजी डोमेन के विस्तार को शोकेस किया गया।
वास्तव में आईएमसी का मुख्य उद्देश्य भारत को एक टेक्नोलॉजी डेवलपर, दूरसंचार निर्माता और निर्यातक के रूप में स्थापित करना है। इस बार आईएमसी की थीम ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन रही, जिसमें ड्रोन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, मोबाइल मैन्युफेक्चरर, साइबर सुरक्षा स्टार्टअप आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इंटरनेट प्रौद्योगिकी पर बढ़ती निर्भरता के वर्तमान दौर में साइबर और इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी के महत्व को देखते हुए साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेटवर्क उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है।
भारत को एक टेक्नोलॉजी पावरहाउस के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए और आईएमसी इस दृष्टि में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। सबसे पहले इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन साल 2017 में किया गया था। बीते छह सालों से यह इवेंट भारत की ग्लोबल उपस्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसने इंडस्ट्री के लीडर्स के लिए डिजिटल इनोवेशन के भविष्य को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में भी मदद की है।
लेखक मेवाड़ यूनिवर्सिटी में डायरेक्टर हैं।