भारत तीन नये फाइबर पर कर रहा काम
महावीर गोयल/वाप्र
पानीपत, 18 नवंबर
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का दौरा किया और सेक्टर 25 में हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल व पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में उद्योगपतियों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि भारत तीन नए फाइबर पर कार्य कर रहा है और आने वाले समय में इसका इंडस्ट्री को लाभ पहुंचेगा। आज दुनिया में फास्ट फैशन का जमाना है। पानीपत में भी इस दिशा में कितनी इकाइयां कार्य कर रही हैं, इसकी जानकारी भी उन्होंने इंडस्ट्री संचालकों से मांगी। औद्योगिक नगरी में हैंडलूम का अच्छा खासा कारोबार है। इसे ओर बढ़ाने की तरफ ध्यान देना होगा। उन्होंने चेन्नई का उदाहरण देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रचार प्रसार व क्षेत्र से जुड़े डिप्लोमा शुरू करने की आवश्यकता है। दुनिया में इस क्षेत्र से जुड़ी नित नई मांगें हैं जिनके लिए हमें और ज्यादा जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि हम आरएनडी (रिसर्च और डिवेलपमेंट) पर खर्च नहीं करते। आरएनडी का इंडस्ट्री से गहरा संबंध है। आरएनडी नहीं है तो इंडस्ट्री बेकार है। देश में चार बड़े आरएनडी है। आत्मनिर्भर भारत के लिए अपना डिजाइन होना जरूरी है। नैक्सट विजन के तहत कार्य किया जा रहा है। 176 बिलियन डाॅलर का टेक्सटाइल निर्यात, जिसे 350 बिलियन डाॅलर किया जाएगा।
कपड़ा मंत्री ने कहा कि देश का टेक्सटाइल क्षेत्र 176 बिलियन डाॅलर का है इसे 350 बिलियन डाॅलर का किया जाना है। इसके लिए हमें फाइबर और अन्य चीजों की जरूरत हैं। जो हम पूरा करेंगे। पानीपत सूरत, त्रिपुरा असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र बनकर लाखों लोगों का रोजगार दे रहे हैं। अब ये सुपर संगठित क्षेत्र बन चुके हैं। केंद्रीय मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर खट्टर के नेतृत्व में राज्य सरकार से मिल बैठक कारोबारियों की समस्या हल करेंगे।
समस्याओं को दूर करने की मांग
बैठक में औद्योगिक इकाइयों के संचालकों ने औद्योगिक इकाईयों में आ रही समस्याओं को दूर करने की मांग को लेकर मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। हैंडलूम प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन ललित गोयल व सीईपीसी के चेयरमैन कुलदीप ने कहा कि मौजूदा समय में हम चुनौतियों को सामने रखकर आगे बढ़ रहे है। पानीपत में तैयार उत्पाद अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, में निर्यात होता है। हथकरधा के क्षेत्र में लाभ मिले इसको लेकर सरकार के सहयोग की आवश्यकता है। कॉर्बन उत्सर्जन का पता लगाने के लिए उन्होंने सरकार से नई स्कीम लाने की बात कही। चैम्बर आफ कामर्स और इंडस्ट्री के चेयरमैन विनोद धमिजा ने इंडस्ट्री से जुड़ी मांगों को मंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार की जो पॉलिसी औद्योगिक क्षेत्र के लिए है वे कम समय के लिए है। उन में बढ़ोतरी करनी चाहिए। हैंडलूम डेवलेपमेंट कमिशनर डॉ एम मीना ने कहा कि इस औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है। देश के लिए यह क्षेत्र लाभदायी साबित हो रहा है।
टेक्सटाइल यूनिटों का किया दौरा
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने शहर में प्रमुख टेक्सटाइल यूनिटों का दौरा कर उद्योगों की जानकारी ली। वे एचआरओवरसीज में गए और वहां बनाए जा रहे धागे की जानकारी। गांव मेहराना में उत्तर भारत रोटर स्पिनर्स एसोसिएशन के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने स्पिनर्स एसोसिएशन के सदस्यों के साथ उद्योगों के विकास को लेकर विचार विमर्श किया। कपड़ा मंत्री ने कहा कि पानीपत में 350 निर्यात उद्योग 500 डाइंग उद्योग के अलावा 350 यार्न प्रोसेसिसंग उद्योग,200 होमफर्निसिंग यूनिट हैं। इसके अलावा 50 हजार लूम, पावर लूम लगी हुई है। पानीपत देश में टेक्सटाइल उद्योग में अपना स्थान रखता है। यहां रि-साइकिल का हब है। एचएस एक्सपोर्ट नहीं होने कारण मान्यता नहीं मिल रही।
ये रहे मौजूद
हरियाणा के शिक्षा मंत्री के भाई हरपाल ढांडा, सीटीएम टीनू पोसवाल, जितेंद्र एसईपीसी के चेयरमैन ललित गोयल,एचईपीसी के रमेश वर्मा, सेक्टर 29 इंडस्ट्रीज एसोसिएशन प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल, निर्यातक विभू पालीवाल, संजीव गर्ग, पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन अरोड़ा, निर्यातक रामनिवास गुप्ता, सतीस गोयल, सुरेश तायल, राजीव अग्रवाल, मोहन गर्ग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ भूपेंद्र चहल, कुलदीप मौजूद रहे।