ज्ञान की दृष्टि से सर्वोपरि भारत की करनी है परिकल्पना
हिसार, 6 फरवरी (हप्र)
सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने कहा है कि हमें ऐसे भारत की परिकल्पना करनी है जो ज्ञान की दृष्टि से सर्वोपरि हो तथा नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के साथ प्रकृति का संरक्षण भी करे। विज्ञान से ही यह संभव बनाया जा सकता है। प्रो. बीआर काम्बोज गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) में आयोजित हुए विज्ञान उत्सव के समापन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। गुजविप्रौवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई इस समारोह में बतौर मुख्य संरक्षक उपस्थित रहे। प्रो. बीआर काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने की जिम्मेदारी देश के शिक्षकों की है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारत में विज्ञान की समृद्ध परंपरा है। उन्होंने आर्यभट्ट, सीवी रमन, मैरी क्यूरी तथा डॉ. अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि इन वैज्ञानिकों ने संघर्षों और चुनौतियों का सामना करते हुए विज्ञान की नयी खोजों के माध्यम से समाज व राष्ट्र के निर्माण में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि यह विज्ञान उत्सव विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने में मील का पत्थर साबित होगा।