मुक्त व्यापार पर 2030 का रोडमैप बना रहे हैं भारत-ब्रिटेन
लंदन, 18 मई (एजेंसी)
विदेश सचिव विनय क्वात्रा की दो दिवसीय लंदन यात्रा के दौरान भारत-ब्रिटेन ‘रोडमैप 2030’ की व्यापक समीक्षा की गई। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। दोनों पक्ष व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर भी सहमत हुए।
ब्रिटेन की यात्रा पर गए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने अपने समकक्ष विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में स्थायी अवर सचिव सर फिलिप बार्टन के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद एफसीडीओ ने बताया कि दोनों नेताओं ने पिछले साल जनवरी में हुई रणनीतिक वार्ता के बाद से ‘ब्रिटेन-भारत 2030 प्रारूप’ पर हुई प्रगति की समीक्षा की और वे द्विपक्षीय सहयोग के अगले चरण को लेकर उत्सुक हैं। एक संयुक्त बयान के मुताबिक, इसमें दुनिया के पहले मलेरिया टीके पर सहयोग करना, भारत की सफल जी20 अध्यक्षता को लेकर मिलकर काम करना और ‘माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप’ के तहत छात्रों और उद्यमियों के लिए अवसर बढ़ाना शामिल है। भारत और ब्रिटेन ने व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करने के लिए 2021 में 10 वर्षीय ‘रोडमैप’ अपनाया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने सभी पहलुओं पर चर्चा की।
ये हैं दोनों ओर के उद्योगों की मांगें
भारतीय उद्योग आईटी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों के अपने कुशल पेशेवरों के लिए ब्रिटेन के बाजार में अधिक पहुंच की मांग कर रहा है। इसके अलावा वह शून्य सीमा शुल्क पर कई वस्तुओं के लिए बाजार में पहुंच की भी मांग कर रहा है। दूसरी ओर, ब्रिटेन स्कॉच व्हिस्की, इलेक्ट्रिक वाहन, मांस, चॉकलेट और अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क में पर्याप्त कटौती चाहता है। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 20.36 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।