निर्दलीय विधायकों को हिमाचल हाईकोर्ट से राहत नहीं
शिमला, 8 मई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिल पाई है। हाईकोर्ट ने निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने से इंकार करते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट विधानसभा सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार करने की शक्तियां नहीं रखता। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए यह फैसला सुनाया। प्रार्थियों ने कोर्ट से विधानसभा अध्यक्ष को तय समय सीमा के भीतर उनके इस्तीफे मंजूर करने की गुहार लगाई थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह के निर्देश नहीं दे सकता। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने इस मुद्दे पर भिन्नता दिखाते हुए विधानसभा अध्यक्ष को दो सप्ताह के भीतर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर उचित निर्णय लेने के आदेश जारी किए। खंडपीठ में सहमति न होने के कारण इस मुद्दे पर निर्णय के लिए तीसरे न्यायाधीश के पास सुनवाई के लिए मामला रखने का आदेश पारित किया गया। अब तीसरे न्यायाधीश के फैसले पर यह निर्भर करेगा कि विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे मंजूर करने संबंधी आदेश कोर्ट द्वारा जारी किए जा सकते हैं या नहीं।
गौरतलब है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे मंजूर न करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफे मंजूर करने की बजाय पहले विधायकों पर बाहरी दबाव होने की जांच करना जरूरी समझा। इस दौरान इन विधायकों ने भाजपा ज्वाइन कर कर ली और इस्तीफे बैक डेट से मंजूर करवाने के आदेशों की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
निर्दलीय विधायकों का कहना था कि उन्होंने खुद जाकर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इस्तीफे दिए। राज्यपाल को इस्तीफे की प्रतिलिपियां सौंपी। इस्तीफे मंजूर न करने को लेकर उन्होंने विधानसभा के बाहर धरने दिए और हाईकोर्ट तक का
दरवाजा खटखटाया।