अनाज मंडी में आढ़तियों की बेमियादी हड़ताल, सरसों खरीद पर लगी ब्रेक
सरसों खरीद पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने को लेकर आढ़तियों का विरोध लगातार बरकरार है। आढ़तियों ने बृहस्पतिवार को खरीद बंद कर बेमियादी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। जिससे जिले में करीब एक सप्ताह से ठप्प पड़ी सरसों खरीद प्रक्रिया सुचारू होने में और कितना समय और लगेगा कुछ नही कहा जा सकता ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ती जा रही हैं। आढ़तियों ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है जब तक जीएसटी वापिस नहीं तब तक सरसों खरीद नहीं होगी। वहीं मंडियों में आवक ज्यादा होने व लिफ्टिंग को लेकर 19 व 20 अप्रैल को मंडियों में खरीद बंद रहेगी। बता दें कि सरसों खरीद पर पांच प्रतिशत जीएसटी भरवाने का चरखी दादरी जिले के आढ़ती लगातार विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते सरसों की खरीद नहीं हो पाई है। वहीं मंडियों में आवक लगातार जारी है। जिससे जिले की मंडियां पूरी तरह से भर गई है और अनाज रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी है। चरखी दादरी आढ़ती एसोसिएशन महासचिव विनोद गर्ग ने कहा कि वे बार-बार संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बता चुके हैं कि उन पर गलत तरीके से जो जीएसटी थोंपी जा रही है वे उसका वहन नहीं करेंगे। लेकिन संबंधित अधिकारी, प्रशासन व सरकार उनकी बात सुनने को राजी नहीं है।
उन्होंने बुधवार को अनाज मंडी गेट बंद कर सांकेतिक धरना देकर सरकार व चेताने का काम किया था लेकिन किसी ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया है। जिसके चलते उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। महासचिव ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी वे सरसों की खरीद नहीं करेंगे। वहीं मार्केट कमेटी सहायक सचिव विकास कुमार ने कहा कि खरीद एजेंसी व प्रशासनिक अधिकारियों से बात चल रही है और जल्द समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार से रविवार तक तीन दिनों के दौरान उठान पर फोकस रहेगा ताकि मंडियों में जगह हो जाए और सोमवार से खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से करवाई जा सके।
मंडी में धीमा है उठान, किसान परेशान
होडल (निस) : अनाज मंडी होडल में से किसानों के गेहूं की सरकारी खरीद होने के बाद उनके गेहूं के उठान को धीमी गति से होने के कारण किसानों व आढ़तियों को भुगतान न होने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। होडल अनाज मंडी में 3 लाख 87 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। अनाज मंडी में से गेहूं के उठान के धीमी गति से होने के कारण अब तक कुल 48 हजार क्विंटल गेहूं अनाज मंडी में से उठ पाया है। मंडी में से गेहूं के उठान के धीमी गति से होने, किसानों को पेमेंट का भुगतान न होने के कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान महेंद्र सिंह सौरोत, पदम सिंह सौंध, मनोज, सतवीर भूपराम बंचारी का कहना है कि सरकारी एजेंसियों के द्वारा गेहूं की खरीद तो कर ली गई है लेकिन अभी तक गेहूं का उठान नहीं हो पाया है। खरीद के बाद सरकारी एजेंसियों के गेहूं के गोदाम में इसको पहुंचने के बाद ही किसानों को इसका भुगतान हो पाएगा। लेकिन सरकारी खरीद के लगभग 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक यह गेहूं सरकारी एजेंसियों के गोदाम में नहीं पहुंचा है। मार्केट कमेटी सचिव वीरेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार ट्रांसपोर्ट का ठेका लेट उठने के कारण ही किसानों के गेहूं का उठान नहीं हो पा रहा है।