For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

बढ़ रहे हृदय रोग चिंता का विषय : विशेष्ाज्ञ

08:30 AM Jul 15, 2024 IST
बढ़ रहे हृदय रोग चिंता का विषय   विशेष्ाज्ञ
चंडीगढ़ में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कार्डियोलाॅजी में शोधों की जानकारी साझा करते विशेषज्ञ। -हप्र
Advertisement

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 14 जुलाई (हप्र)।
हृदय रोग चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं। भारत में 20 और 30 वर्ष के युवाओं को हार्ट अटैक आ रहे हैं। बढ़ते मामले हृदय रोग विशेषज्ञोंं के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। इस दिशा में निरंतर शोध जारी है। इसी कड़ी में हार्ट फाउंडेशन और लिवासा अस्पताल के सहयोग से कार्डियोलाॅजी के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोधों की जानकारी साझा करने के लिए रविवार को चंडीगढ़ में एक शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के 250 से ज्यादा नामी हृदय रोग विशेषज्ञों ने मंथन किया।
हार्ट फाउंडेशन के संस्थापक व संरक्षक और लिवासा अस्पताल के कार्डियक साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. एचके बाली ने कहा कि नयी-नयी तकनीकें और दवाइयां आज लाखों हृदय रोगियों की जान बचा रही हैं। खासकर उन लोगों की, जिनका हृदय सामान्य ढंग से काम नहीं करता है। ऐसे मरीजों की एंजियोप्लासी के दौरान उनके हृदय में एक लघु पंप इम्पेला डाला जाता है, ताकि वे तेजी से रिकवरी कर सकें। इसके साथ उन्होंने आईवीयूएस या ओसीटी का उपयोग कर इमेज-गाइडिड एंजियोप्लास्टी के महत्व पर जोर दिया।
कोलकाता के डॉ. एमके दास ने कहा कि हार्ट फेलियर के मामलों के रोगियों के और प्रंबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
दिल्ली के टीएस क्लेर का कहना था कि अनियमित दिल की धड़कन एक बहुत ही आम समस्या बनती जा रही है और यह स्ट्रोक का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। ऐसे रोगियों का इलाज अब संभव है, विशेषकर रोग की प्रारंभिक अवस्था में एब्लेशन प्रक्रियाओं से इलाज किया जा सकता है। वर्तमान में उपलब्ध 3डी ईपी सिस्टम से एब्लेशन प्रक्रियाओं की सफलता में काफी वृद्धि हुई है।
पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. हिमांशु गुप्ता ने कहा कि इमेज गाइडेंस, रोटा एब्लेशन, इंट्रावेस्कुलर लिथोट्रिप्सी और कटिंग बैलून जैसी तकनीक भारी कैल्सीफाइड कोरोनरी धमनियों के इलाज के लिए काफी कारगर हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×