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मेल-मिलाप खूब बढ़ाना, पर हुक्का तो मत गुड़गुड़ाना

05:47 AM Jul 10, 2024 IST
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अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 9 जुलाई
आपसी मेल-मिलाप और पंचायती सम्मान के रूप में हरियाणा समेत कई प्रदेशों में गुड़गुड़ाया जाने वाला हुक्का जानलेवा बन रहा है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के बढ़ते मामलों के बाद अब इस संबंध में जागरूकता की जरूरत महसूस की जा रही है। जानकारों का कहना है कि मेल-मिलाप खूब बढ़ना चाहिए, लेकिन हुक्का या अन्य तरह के धूम्रपान से लोगों को तौबा कर लेनी चाहिए।
पीजीआई, रोहतक में हर माह हुक्के या अन्य तरह के धूम्रपान के कारण तीस से चालीस मरीज ओरल कैंसर के आ रहे है। विशेषज्ञों के मुताबिक बीड़ी सिगरेट या हुक्का पीने वालों के लिए तो यह खतरनाक है ही, ऐसे माहौल में रहने वाले भी कैंसर एवं दिल की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि धूम्रपान से फेफड़ों या मुंह का कैंसर होता है। इसके प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। शोधों में भी यह बात सामने आई है कि एक हुक्के का धुंआ बीस सिगरेट के बराबर होता है। हरियाणा में सिर्फ हुक्के के कारण स्थिति विकट हो रही है। पीजीआई, रोहतक के स्नातकोत्तर दंत विज्ञान संस्थान में पहले सिर्फ दांतों का इलाज किया जाता था, लेकिन अब मुंह के कैंसर सहित अन्य बीमारियां इतनी बढ़ गई हैं कि मुंह की सर्जरी तक करनी पड़ रही है। तंबाकू सेवन के कारण मरीजों की बढ़ती संख्या चुनौती बनकर सामने आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीड़ी और हुक्का का प्रचलन ज्यादा है। इसे पंचायती सम्मान का प्रतीक माना जाता है। कुछ रिपोर्ट तो यह भी बताती हैं कि गांवों में महिलाएं भी बीड़ी का सेवन करती हैं। सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए धूम्रपान के खिलाफ कई कार्यक्रम भी चला रही है, लेकिन इसका यथोचित असर नहीं पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार पीजीआर्, रोहतक में इस साल अब तक ओरल कैंसर और प्री-कैंसर के 350 से 500 मरीज सामने आए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक प्री-कैंसर का पता चल जाये तो उस पर नियंत्रण संभव है।
कैंसर की बीमारी इतनी खतरनाक है कि मरीज का मुंह, गला, जीभ, मसूड़े आदि बुरी तरह से प्रभावित हो जाते हैं। इसका पूरी तरह इलाज भी संभव नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक पीजीआई के अलावा निजी अस्पतालों में भी इस तरह के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हरियाणा के रोहतक, झज्जर, जींद, सोनीपत, भिवानी, दादरी में हुक्के का प्रचलन ज्यादा है। बताया जा रहा है कि इन्हीं क्षेत्रों से सबसे अधिक मरीज सामने आ  रहे हैं।

धूम्रपान के खिलाफ जागरूकता जरूरी


पीजीआई के ओरल मेडिसन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चिन्ना का कहना है कि ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसे बेहद गंभीर समस्या बताते हुए डॉ. चिन्ना ने कहा कि लोगों को धूम्रपान नहीं करने के प्रति जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है।
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... तो स्थिति भयावह हो सकती है पीजीआई, रोहतक में डेंटल विभाग की प्रोफेसर डॉ. अंजू का कहना है कि ऐसे मरीज सामने आ रहे है, जिनकी मुंह की सर्जरी तक करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धूम्रपान छोड़ने में कामयाब भी हुए हैं। उन्होंने आगाह किया कि धूम्रपान की बढ़ती लत पर नियंत्रण नहीं किया तो स्थिति भयावह हो सकती है।

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