पिछली सरकार में नए संस्थान खोलने पर रहा जोर, सुविधाएं नहीं जुटाई
शिमला, 4 फरवरी (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधायक प्राथमिकता बैठकों के दूसरे दिन शिमला और मंडी जिला के विधायकों के साथ उनकी प्राथमिकताओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप सुझाव दें, ताकि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि विधायकों के सुझावों को बजट में प्राथमिकता दी जाएगी। विधायकों को जनता चुनकर भेजती है, इसलिए वह जन समस्याओं से वाकिफ होते हैं।
सुक्खू ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र पर वर्तमान राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। पिछले दो वर्षों के दौरान इन दोनों क्षेत्रों में सुधार के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आने वाले समय में और बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए पूर्व सरकार में नए संस्थान खोलने पर जोर रहा लेकिन संस्थानों में सुविधाएं जुटाने और उन्हें मजबूत बनाने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिस कारण आज सुविधाओं का स्तर गिरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नीतिगत बदलाव लाकर हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के अनुरूप उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश में पर्यटन, डेयरी, आईटी व डाटा स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कृषि और वन विभाग को गगरेट में बांस आधारित उद्योग स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बाद में हमीरपुर, ऊना तथा सिरमौर जिला के विधायकों के साथ उनकी प्राथमिकताओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक देश का हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
नाबार्ड को भेजी 1863 करोड़ की रिपोर्ट
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज शिमला में कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सभी 28 विधायकों की 1 जनवरी, 2023 से 3 फरवरी, 2025 तक 1863 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं की 210 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट नाबार्ड को स्वीकृति के लिए भेज दी गई है तथा इनमें से 28 विधानसभा क्षेत्रों की 421 करोड़ रुपये की 62 डीपीआर स्वीकृत की जा चुकी हैं।