बदले राजनीतिक हालात में जींद जिला परिषद पर हुआ कांग्रेस का वर्चस्व
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 22 सितंबर
पहले भाजपा और जजपा का गठबंधन टूटने और अब विधानसभा चुनावों ने जींद जिला परिषद की सूरत राजनीतिक रूप से पूरी तरह बदल कर रख दी है। जींद जिला परिषद पर पहले भाजपा और जजपा का वर्चस्व था। अब बदले राजनीतिक हालात में जिला परिषद में इन दोनों दलों का वर्चस्व खत्म हो गया है और कांग्रेस को घर बैठे जींद जिला परिषद की चौधर मिल गई है।
लगभग 2 साल पहले जब जींद जिला परिषद के चुनाव हुए थे, तब जिला परिषद पर तत्कालीन सत्तारूढ़ गठबंधन भाजपा और जजपा का वर्चस्व कायम हुआ था। चेयरपर्सन पद के लिए मुकाबला जजपा समर्थक मनीषा रंधावा और भाजपा समर्थक पिंकी के बीच हुआ था। इसमें तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के प्रयासों से जजपा की मनीषा रंधावा ने बाजी मारी थी। उप-प्रधान का पद भाजपा के सतीश हथवाला को मिला था, जिन्होंने जजपा समर्थक हैप्पी कालवा को पराजित किया था। यह वह दौर था, जब जींद जिला परिषद में चेयरपर्सन जजपा और उपाध्यक्ष भाजपा समर्थक थे।
गठबंधन टूटते ही बदलने लगी सूरत
भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन टूटते ही जींद जिला परिषद की सूरत राजनीतिक रूप से बदलने लगी थी। जजपा समर्थक जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा भाजपा से जजपा का गठबंधन टूटते ही जजपा और दुष्यंत चौटाला से किनारा करने लगे थे। लोकसभा चुनावों के बाद कुलदीप रंधावा कांग्रेस के कार्यक्रमों में नजर आने लगे थे और जजपा से पूरी तरह दूर चले गए थे। इसके साथ ही जिला परिषद में जेजेपी का वर्चस्व समाप्त हो गया था।
चुनाव के बीच भाजपा समर्थक उपाध्यक्ष भी हुए कांग्रेसी
5 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के संग्राम के बीच जींद जिला परिषद के उपाध्यक्ष सतीश हथवाला भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को जुलाना से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट की मौजूदगी में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। उनके साथ भाजपा समर्थक दो और जिला पार्षद नरेश दालमवाला तथा सत्यवान भी कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे अब जींद जिला परिषद पर भाजपा का वर्चस्व समाप्त हो गया है, और जिन जिला परिषद पर कांग्रेस का वर्चस्व कायम हो गया है।
कांग्रेस ने जिला परिषद चुनावों से किया था किनारा
जिला परिषद चुनावों के दौरान और चेयरपर्सन तथा वाइस चेयरमैन के चुनाव के दौरान जिस कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पूरी तरह किनारा किया हुआ था, अब बदलते हुए राजनीतिक हालात में उसी कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व जींद जिला परिषद पर कायम हो गया है। कांग्रेस को घर बैठे जींद जिला परिषद चौधर मिल गई है। जिला परिषद की चेयरपर्सन और उपाध्यक्ष कांग्रेस के साथ खड़े हो गए हैं।