राजस्थान में कांग्रेस से BJP में आए पार्षदों पर छिड़का गंगाजल व गोमूत्र, विधायक बोले- हो गया शुद्धिकरण
जयपुर, 27 सितंबर (भाषा)
Rajasthan Politics: भारतीय जनता पार्टी के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का 'शुद्धिकरण' किया। आचार्य हाथोज धाम मंदिर के महंत भी हैं। उन्होंने हाल ही में हेरिटेज नगर निगम के महापौर कार्यालय का और कांग्रेस छोड़ कर BJP में आए पार्षदों का गंगाजल और 'गोमूत्र' छिड़ककर 'शुद्धिकरण' किया।
यह वाकया बुधवार को हुआ जब जयपुर हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव ने कार्यभार संभाला। तब महापौर कार्यालय में मौजूद महंत बालमुकुंद आचार्य ने 'शुद्धिकरण' किया। इस दौरान मौजूद कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि 'शुद्धिकरण' का उद्देश्य किसी को भ्रष्ट बताना नहीं था और हिंदू संस्कृति में यह एक सामान्य परंपरा है।
वहीं कांग्रेस के एक नेता के अनुसार, विडंबना है कि BJP में शामिल होने वाले सभी लोग अपने 'पापों-अपराधों' से मुक्त हो जाते हैं। जयपुर हेरिटेज नगर निगम (JMCH) कार्यालय में बुधवार को विधायक ने भ्रष्टाचार से कार्यालय को प्रतीकात्मक रूप से शुद्ध करने और हाल ही में BJP में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का स्वागत करने के लिए गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण का इस्तेमाल किया।
यह कदम निगम की पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से हटाए जाने के बाद उठाया गया है। उनकी जगह BJP ने कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया है। यादव को कांग्रेस के सात पार्षदों और BJP में शामिल हुए एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है।
यादव के औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करने से पहले बालमुकुंद आचार्य ने JMCH परिसर, पार्षदों और अधिकारियों के लिए 'शुद्धिकरण समारोह' आयोजित किया। वैदिक मंत्रों के साथ इसकी अगुवाई करने वाले आचार्य ने कहा, 'हमने निगम को गंगाजल से शुद्ध किया है, सभी अशुद्धियों को दूर किया है। अब, नई महापौर के कार्यभार संभालने के बाद हम पवित्रता के माहौल में काम करेंगे।'
अनुष्ठान के दौरान, आचार्य ने BJP में शामिल होने वाले कांग्रेस पार्षदों पर प्रतीकात्मक रूप से गंगाजल और गोमूत्र का मिश्रण छिड़का और दावा किया कि इस शुद्धिकरण अनुष्ठान ने उन्हें 'सनातनी' में बदल दिया है। आचार्य ने कहा, 'उनकी सारी अशुद्धता या भ्रष्टाचार साफ हो गया।'
उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी भी शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरे। आचार्य ने कहा, 'वे अशुद्धता के प्रभाव में थे, भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए मजबूर थे। लेकिन अब, इस समारोह के बाद, वे शुद्ध हो गए हैं और ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे।' इस असामान्य अनुष्ठान ने कुछ लोगों को चौंका दिया। लेकिन उपस्थित पार्षदों में से एक मनोज मुदगल ने कहा कि इस अनुष्ठान का उद्देश्य निगम को भ्रष्टाचार और नकारात्मकता से मुक्त करना था।
उन्होंने कहा, 'हिंदू संस्कृति में शुद्धिकरण के लिए गंगाजल और गोमूत्र का उपयोग करना सामान्य प्रथा है।' एक अन्य पार्षद पारस जैन ने उनका समर्थन करते हुए कहा, 'आचार्य कार्यालय को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए अनुष्ठान कर रहे थे।' कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अनुष्ठान का मतलब यह है कि पार्षद भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
कांग्रेस पार्षद सुशीला देवी ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को भ्रष्ट करार देना नहीं था। उन्होंने कहा, 'वे केवल हमें नहीं, बल्कि पूरे परिसर को शुद्ध कर रहे थे।' आचार्य ने खुद पत्रकारों से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह अनुष्ठान JMCH के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
उन्होंने दावा किया, 'आज से यह निगम भ्रष्टाचार मुक्त है।' कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि यह अजीब बात है कि कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल होने वाले सभी लोग अपने 'पापों' से मुक्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा, 'राज्य और केंद्र में BJP के नेता पहले कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और केंद्रीय जांच ब्यूरो केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा धमकाया जाता है, लेकिन जब वे BJP में शामिल होते हैं तो वे अपने अपराधों से मुक्त हो जाते हैं।'