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वैवाहिक जीवन में एक सही तो दूसरा पति

07:06 AM Sep 27, 2023 IST
वैवाहिक जीवन में एक सही तो दूसरा पति
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मनीष कुमार चौधरी

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हमारे देश में पति-पत्नी का संबंध सात जन्मों का कहा गया है। भले ही हर पति दूसरे जन्म में पहली वाली से छुटकारा चाहता है, पर सात जन्मों के नाते से बंधा है। मुक्ति तो आठवें जन्म में ही संभव है। अब मुद्दे की बात कि इस देश में पति पत्नी से डरता क्यों है! क्योंकि हमें जितनी भी ताकतें मिलती हैं, सब नारियों से मिलती हैं। पैसा चाहिए, लक्ष्मी के पास जाओ। बुद्धि चाहिए, सरस्वती के पास जाओ। शक्ति चाहिए, दुर्गा के पास जाओ। पति के पास है ही क्या, जिसके बल पर वह पत्नी को आंख दिखाए। कोई पॉवर नहीं। ‘मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो’ वाली हालत है।
बैंजामिन फ्रेंकलिन खूब कहकर गए हैं कि शादी से पहले अपनी आंखें पूरी तरह खुली रखें, शादी के बाद आधी बंद। भारत के अदने से पति की तो औकात ही क्या है, जब बराक ओबामा जैसों ने अमेरिका के राष्ट्रपति रहने के दौरान मिसेज ओबामा को लेकर एक बात कही थी ‘लगभग 15 वर्षों के बाद अंततः मुझे पता चला कि वह हमेशा सही होती है। आश्चर्यजनक रूप से हमने उसके बाद लड़ना बंद कर दिया।’ इसे यूं समझिए। यदि आप गलत हैं और चुप हैं, तो आप बुद्धिमान हैं। यदि आप सही हैं फिर भी चुप हैं, तो आप शादीशुदा हैं।
विवाह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें एक व्यक्ति हमेशा सही होता है और दूसरा पति होता है। और ऐसा भी नहीं है कि सभी गलतियां पुरुष ही करते हैं, औरतें भी करती हैं, लेकिन विवाहित पुरुषों को उनके बारे में जल्द ही पता चल जाता है। एक विवाहित पुरुष अपने गुरु के पास पहुंचा और उनसे पूछा, ‘मैं अपनी गलतियों से कैसे सीख सकता हूं!’ गुरु ने जवाब दिया, ‘एक गलती अपनी पत्नी में खोजो और उसे सुधारने के लिए कहो। जवाब में पत्नी न सिर्फ तुम्हारी सारी गलतियों का कच्चा चिट्ठा खोलेगी, साथ ही तुम्हारे पूरे परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों की गलतियों को भी गिना देगी।’
ऑस्कर वाइल्ड ने फरमाया है, ‘जो आदमी कहता है कि उसकी पत्नी मजाक नहीं कर सकती, वह भूल जाता है कि उसने आपके साथ ब्याह किया है।’ एक बात शर्तिया कही जा सकती है कि पति की असफलता के पीछे पत्नी कभी जिम्मेदार नहीं होती। हां, सफलता के पीछे जरूर होती है। विद्वानों ने हवा में नहीं कहा है कि हर सफल आदमी के पीछे औरत होती है। यह औरत पत्नी होती है जो पति के पीछे हाथ धोकर पड़ी रहती है, तब तक, जब तक कि वह सफल नहीं हो जाता। पत्नी को लेकर सुनी-सुनाई या उड़ी-उड़ाई बातों में विश्वास नहीं करने वाले इस तथ्यात्मक बात को न भूलें कि विवाह की संस्था तब बनाई गई, जब व्यक्ति की औसत उम्र 30 वर्ष थी!
उपसंहार- ‘बीवी वह स्त्री है, जो शादी के बाद कुछ सालों में टोक-टोक कर आपकी सारी आदतें बदल दे और फिर कहे कि आप कितना बदल गए हैं। यानी शादी यह मालूम करने का तरीका है कि आपकी बीवी को कैसा पति पसंद आता। सुकरात ने कहा है, ‘विवाह करो। अच्छी पत्नी मिली तो सुखी रहोगे, यदि बुरी मिलती है तो दार्शनिक हो जाओगे।’ पत्नी के मामले में जब सुकरात जैसे महात्माओं की यह हालत थी तो आप और मैं किस खेत की मूली हैं।

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