मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, आपसी सहमति से बने संबंध दुष्कर्म नहीं

09:35 AM Oct 15, 2024 IST

प्रयागराज, 15 अक्तूबर (भाषा)

Advertisement

Harassment case verdict:  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आपसी सहमति से लंबे समय तक चले व्यभिचार जिसमें प्रारंभ से धोखाधड़ी का कोई तत्व न हो, उसे दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक ऐसे मामले में की, जिसमें शादी का वादा कर महिला से शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज था।

न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने मुरादाबाद की निचली अदालत में चल रहे श्रेय गुप्ता नामक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के मुकदमे को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि जब तक यह सिद्ध न हो कि आरोपी ने शुरू से ही महिला को धोखे में रखा, तब तक शादी का वादा कर बनाए गए संबंधों को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।

Advertisement

महिला का ये था आरोप

गौरतलब है कि शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि गुप्ता ने उसके पति की मृत्यु के बाद उससे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन बाद में वह वादा तोड़कर किसी और महिला से संबंध बनाने लगा। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने यौन संबंध का वीडियो सार्वजनिक न करने के बदले 50 लाख रुपये की मांग की थी।

पति के जीवित रहते भी थे महिला के संबंध

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि महिला और आरोपी के बीच लगभग 12-13 साल तक शारीरिक संबंध बने रहे थे, और यह संबंध तब से थे जब महिला का पति जीवित था। अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने अपनी उम्र से काफी छोटे व्यक्ति, जो उसके पति की कंपनी में काम करता था, पर अनुचित प्रभाव डाला।

धोखाधड़ी जैसी बात नहीं आई सामने

कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के नईम अहमद बनाम हरियाणा सरकार के मामले का हवाला देते हुए कहा कि हर शादी के वादे को झूठा मानकर दुष्कर्म का आरोप लगाना और व्यक्ति पर मुकदमा चलाना सही नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में धोखाधड़ी के किसी ठोस सबूत की कमी के चलते आरोपी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया।

Advertisement
Tags :
Allahabad High CourtExtra marital affairHindi NewsRelationship with friendRelationship with womanइलाहाबाद हाई कोर्टदोस्त से संबंधमहिला के संबंधविवाहेत्तर संबंधहिंदी समाचार