क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमैरिक कोड लागू करने से नकल पर लगा अंकुश : वीपी यादव
सोनीपत, 1 अप्रैल (हप्र)
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड, भिवानी के चेयरमैन डॉ. वीपी यादव ने कहा कि क्यूआर कोड और अल्फा न्यूमैरिक कोड लागू करने से परीक्षा पत्र आउट होने के चांस लगभग खत्म हो गए हैं। जहां पर भी इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त हुई हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिस बच्चे के पेपर की फोटो खींची गई उसके खिलाफ भी कार्रवाई और फोटो लेने वाले के नाम एफआईआर दर्ज हुई है। अब पेपर आउट करने वाला कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता।
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते डॉ. वीपी यादव ने कहा कि उन्होंने जिला सोनीपत में इस एग्जामिनेशन सेशन के दौरान पहला विजिट किया है। जिला सोनीपत के खरखौदा में जब पहले विजिट किया था तो उस समय परीक्षा के दौरान काफी अनियमितताएं दिखाई दी परंतु अब ऐसा कुछ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि कुंडली के एक सेंटर में अच्छे ढंग से पेपर चल रहे हैं। पता भी नहीं लग रहा है कि एग्जामिनेशन का वहां सेंटर है।
उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में इस बार 10 से 11 जगह पेपर आउट होने की शिकायत आई और उस पर तुरंत कार्रवई करते हुए सभी को परीक्षा के दौरान ही पकड़ लिया गया। सोनीपत से एक बार सेकेंडरी और एक सीनियर सेकेंडरी के दो पेपर लीक होने की शिकायत मिली तो उनको तुरंत पकड़ लिया गया और उनके खिलाफ कार्रवाई करवाई गई है। इसके अलावा पेपर रद्द हुए हैं। चेयरमैन ने डिजिटल मार्किंग का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड डिजिटाइजेशन के साथ कदम ताल करते हुए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मार्किंग के बहुत सारे फायदे हैं। विद्यार्थियों के साथ एक तरह के इन्वेस्टमेंट हैं, एक्सपेंडिचर नहीं है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मार्किंग में कोई भी आंसर शीट में पेज अनचेक्ड नहीं रह सकता।
इसके बेनिफिट्स स्टूडेंट्स को मिलेंगे और डिजिटल मार्किंग हरियाणा शिक्षा बोर्ड का क्रांतिकारी कदम है।
उन्होंने बताया कि दसवीं कक्षा का पास रिजल्ट बढ़ाने के लिए शिक्षा बोर्ड द्वारा सीबीएसई के तर्ज पर ही पहले 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन और 80 नंबर का थ्योरी पेपर होता है जिसमें विद्यार्थी को दोनों में अलग-अलग 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते थे। परंतु अब हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा फार्मूला चेंज किया गया है जिसमें दोनों में कुल मिलाकर अगर 33 नंबर विद्यार्थी को प्राप्त होते है तो उसे पास माना जाएगा।