ऐंचला गांव में तालाब की 6 एकड़ जमीन से हटवाया अवैध कब्जा
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 13 नवंबर
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट पंचायती राज एक्सईएन परमिंद्र सैनी के नेतृत्व में गांव ऐंचला में हुई कार्रवाई के दौरान तालाब की 6 एकड़ से ज्यादा जमीन से अवैध कब्जा हटवाया गया, अब गांव का गंदा पानी यमुना में नहीं जा सकेगा। अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। ड्यूटी मजिस्ट्रेट परमिंद्र सैनी ने बताया कि गांव ऐंचला में तालाब की 6 एकड़ से ज्यादा जमीन हैं, जिस पर कई ग्रामीण कब्जा कर खेती कर रहे थे। जिसकी वजह से गांव का गंदा पानी ड्रेन के माध्यम से यमुनानदी में जा रहा था, जिससे यमुना नदी प्रदूषित हो रही थी।
उन्होंने बताया कि जोहड़ की जमीन से कब्जा हटवाने के प्रयास किए जा रहे थे कि गांव के लोगों ने कोर्ट से स्टे हासिल कर लिया था। अब जबकि स्टे हट गया हैं, जिसके बाद जोहड़ की जमीन से कब्जा हटवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। बुधवार को भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में जमीन पर बिजाई की गई गेहूं की फसल को नष्ट कर कब्जा मुक्त करवाया गया। इस जगह पर प्रशासन द्वारा खुदाई का कार्य शुरू करवा दिया हैं, अगले करीब 2 माह में तालाब की खुदाई कार्य पूरा करवा लिया जाएगा, जिसके बाद गांव का गंदा पानी यमुना नदी में ना जाकर जोहड़ में आएगा। उन्होंने कहा कि जोहड़ की जमीन को कब्जा मुक्त करवाने की कार्यवाही शांतिपूर्वक रही। कब्जा हटवाने की कार्रवाई सुबह करीब 11.30 बजे शुरू होकर शाम करीब 5 बजे तक चली।
कोर्ट ने हटाया था स्टे
एक्सईएन परमिंद्र सैनी ने बताया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। मनोज ने कोर्ट में मामला दायर किया था कि जिस तरह से गंगा नदी को साफ रखने के लिए काम किया जा रहा हैं। उसी प्रकार से यमुना नदी को भी साफ बनाए रखने के लिए काम किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मामला एनजीटी की बैंच को रैफर कर दिया। कोर्ट ने फैसला दिया था कि यमुना में किसी भी तरह से गंदा पानी न आ सकें, अवैध कब्जों को तुरंत हटाया जाए। कब्जा हटवाने की प्रक्रिया के दौरान ग्रामीण कोर्ट में चले गए ओर स्टे ले लिया लेकिन अब कोर्ट ने स्टे हटा दिया।