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गुरुग्राम में अवैध कॉलोनियों का धड़ल्ले से विस्तार, नेताओं और अधिकारियों पर आरोप

08:26 AM Jan 15, 2025 IST
गुरुग्राम में अवैध कॉलोनियों का धड़ल्ले से विस्तार  नेताओं और अधिकारियों पर आरोप
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विवेक बंसल / हप्र
गुरुग्राम, 14 जनवरी
गुरुग्राम जिले के सोहना विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है। कृषि योग्य भूमि पर बेतरतीब ढंग से अवैध कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं, जिनमें भोले-भाले लोगों को प्लॉट बेचे जा रहे हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि इन अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री भी तहसीलों में बिना किसी रुकावट के की जा रही है।

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नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत
सूत्रों के अनुसार, इन कॉलोनियों को बढ़ावा देने में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का हाथ बताया जा रहा है। कई मामलों में अधिकारियों को इन कॉलोनियों के विकास के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है। हरियाणा में भाजपा के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद, अवैध कॉलोनी माफिया बेखौफ हो गए हैं।
नेताओं और अधिकारियों के बीच कथित सांठगांठ के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है। इस समय 50 गज से लेकर 500 गज तक के प्लॉट इन कॉलोनियों में बेचे जा रहे हैं, जिनकी कीमत प्रति गज 10,000 से 15,000 रुपये तक है।

डीटीपी विभाग की चुप्पी ?
गुरुग्राम का डीटीपी (डिपार्टमेंट ऑफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) विभाग इन अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है। स्थानीय निवासियों और सूत्रों का कहना है कि विभाग को इन कॉलोनियों की जानकारी दी जाती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
‘डीटीपी विभाग को कॉलोनियों की लोकेशन और जानकारी दी जाती है, लेकिन विभाग आंखें मूंदे बैठा हुआ है। अधिकारी खुद डरते हैं कि अगर कार्रवाई की तो उनका तबादला या अन्य दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।’

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पलवल रोड पर तेजी से बढ़ती कॉलोनियां
सोहना के पलवल रोड पर दर्जनों अवैध कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं। इन कॉलोनियों में प्लॉट की अधिकांश बिक्री हो चुकी है, और आलीशान मकानों का निर्माण भी जारी है। इसके बावजूद, प्रशासन इन गतिविधियों पर कार्रवाई करने से बच रहा है।

अवैध कॉलोनियों से बुनियादी ढांचे पर दबाव
अवैध कॉलोनियों के कारण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ रहा है। सड़क, जल आपूर्ति, और सीवरेज जैसी सुविधाएं इन कॉलोनियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में समस्याएं बढ़ रही हैं।

अवैध कॉलोनियों में बिजली-पानी की सुविधा
इन अवैध कॉलोनियों में बिजली और पानी की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बिजली विभाग इन कॉलोनियों में कनेक्शन देने में कोई संकोच नहीं कर रहा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सरकारी विभागों की इस उदासीनता से साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं, सरकार भी इन अवैध कॉलोनियों को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रही है।
अधिकारियों की भूमिका पर सवाल : जो अधिकारी पहले अवैध कॉलोनियों को खत्म करने और माफियाओं को जेल भेजने की बातें करते थे, अब वही माफियाओं को संरक्षण देते नजर आ रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को इन कॉलोनियों के निर्माण की जानकारी पहले ही मिल जाती है। माफिया 8-10 मकान बनाकर कॉलोनियों का विस्तार करते हैं, ताकि उन्हें वैध करार दिया जा सके।

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