सुमेधा शर्मा/ ट्रिन्यूगुरुग्राम, 8 जूनपलवल में कथित रूप से रेत खनन में मदद के लिए यमुना पर अस्थायी पुल बनाये जाने से स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों में रोष है। इन ‘अवैध’ पुलों के लिए कथित रूप से कोई आधिकारिक या पर्यावरण मंजूरी नहीं ली गयी। विपक्ष ने सीएम नायब सैनी से इस पर जवाब और कार्रवाई की मांग की है।गौरतलब है कि पलवल में रेत खनन के लिए ठेके आवंटित किए गए हैं, लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि किसी भी ठेकेदार ने पर्यावरण मंजूरी नहीं ली है और अवैध खनन किया जा रहा है।हरियाणा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता करण दलाल ने कहा, ‘भाजपा सरकार का पाखंड उजागर हो रहा है। वे यमुना को बचाने की बात करते हैं, लेकिन रेत खनन करने वालों के साथ मिलकर इसे खत्म कर रहे हैं। इन पुलों को बनाने की अनुमति किसने दी। कई शिकायतों के बावजूद किसी अधिकारी, मंत्री या भाजपा नेता को यह कैसे नहीं दिखता? सीएम ने पलवल का दौरा किया, लेकिन रेत खनन के बारे में कुछ नहीं कहा, जो यहां का मुख्य संकट है।’ सीएम को एक विशेष ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की गयी है कि यमुना से अवैध रूप से रेत निकालने के लिए इन पुलों का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है। ज्ञापन में नदी के मार्ग पर इनके प्रभाव और इसके नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र तथा आसपास के गांवों के लिए खतरे के बारे में विस्तार से बताया गया है। दलाल ने रेत खनन के लिए दी गयी अनुमतियों की समीक्षा की भी मांग की है।सेव अरावली ट्रस्ट के जतिंदर भड़ाना ने कहा, ‘एक तरफ हरियाणा ग्रीन वॉल जैसी परियोजनाओं के साथ खोये हुए पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना चाहता है और दूसरी तरफ जमीन पर यह सब हो रहा है। यमुना में खनन न केवल नदी को मार देगा, बल्कि इसके किनारे बसे गांवों को भी नष्ट कर देगा। खनन काे वैध करने के मुद्दे पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिये।’गौर हो कि स्थानीय ग्रामीणों ने कानून व्यवस्था और खनन माफिया ‘युद्धों’ को लेकर स्थानीय विधायक गौरव गौतम से भी संपर्क किया है। एक स्थानीय सरपंच ने कहा, ‘हमारे यहां लगभग 15 समूह काम कर रहे हैं। कुछ को अनुबंध मिले हैं, जबकि अन्य को नहीं। एक जमीनी लड़ाई पहले से ही चल रही है और हमारे बीच रोजाना टकराव होता है। हमें डर है कि यह टकराव बढ़ जाएगा और हमें वहीं झेलना पड़ेगा, जो राजस्थान के क्रशर शहर झेल रहे हैं। हमने विधायक से संपर्क किया है।’स्थानीय विधायक और राज्य मंत्री गौरव गौतम इस बारे में बात करने के लिए उपलब्ध नहीं थे। खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा।