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कनाडा में राजनीतिक कारणों से अलगाववाद की अनदेखी : जयशंकर

08:38 AM Sep 28, 2023 IST
न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व राजदूत केनेथ आई. जस्टर के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर। - प्रेट्र

न्यूयॉर्क, 27 सितंबर (एजेंसी)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में कनाडा में अलगाववादी ताकतें, संगठित अपराध, हिंसा, चरमपंथ से जुड़े काफी संगठित अपराध देखे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम कनाडाई अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए लगातार कहते रहे हैं, हमने काफी सूचना दी। प्रत्यर्पण के अनुरोध किए गए। आतंकवादी नेताओं की पहचान की गयी। हमारी चिंता यह है कि राजनीतिक कारणों से इसकी अनदेखी की गयी।’
एक खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के कनाडा के आरोपों के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली ने ओटावा को बताया है कि मामले में ‘विशिष्ट’ और ‘प्रासंगिक’ सूचना पर विचार करने के लिए तैयार है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करने के बाद न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं। उनसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर सवाल किए गए थे। उन्होंने भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत केनेथ जस्टर के साथ बातचीत के दौरान मुद्दे पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में कहा, ‘हमने कनाडाई लोगों से कहा कि अगर आपके पास कोई खास सूचना है तो हमें बताइए। हम विचार करने को तैयार हैं।’ जयशंकर ने कहा कि हमारे राजनयिकों को धमकाया जाता है, वाणिज्य दूतावासों पर हमला किया गया। इनमें से बहुत कुछ को यह कहकर उचित ठहराया जाता है कि लोकतंत्र इसी तरह काम करता है। गौर हो कि निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में सरे स्थित एक गुरद्वारे के बाहर हत्या कर दी गयी थी।

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‘गलवान के बाद से भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां कहा कि 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध ‘सामान्य’ नहीं हैं। ऐसा लगता है ये मसला अपेक्षा से ज्यादा लंबा खिंच सकता है। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ रिश्ते की खासियत यह है कि वे आपको कभी नहीं बताते कि वे ऐसा क्यों करते हैं। जयशंकर ने कहा कि 2020 में जब भारत अपने सख्त कोविड-19 लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा था तब ‘हमने देखा कि बहुत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर बढ़ रहे थे’। उन्होंने कहा, ‘इन सबके बीच हमें वहां अपनी उपस्थिति बढ़ानी थी जो हमने की।’ जयशंकर ने कहा कि चीनी पक्ष ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए लेकिन उनमें से कोई भी वास्तव में मान्य नहीं है।

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