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भारी पड़ेगी ‘नेचर कॉल’ की अनदेखी

10:36 AM Jul 17, 2024 IST
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एमरजेंसी के अलावा कभी ‘नेचर कॉल’ को रोकना नहीं चाहिए। लघुशंका होते ही वॉशरूम चले जाएं। बार-बार ऐसा करने से कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। खासकर किडनी व ब्लैडर प्रभावित होते हैं। ऐसी आदतें कई तरह के संक्रमणों को न्योता है।

रेखा देशराज

ज्यादा बारिश और ज्यादा सर्दी के दिनों में कई बार रह-रहकर यूरीन पास करने जाना पड़ता है, ऐसे में हममें से कई लोग देर तक इसे रोककर रखते हैं। खासकर महिलाएं बार-बार जाने में आलस करती हैं। लेकिन डॉक्टर कहते हैं न तो कभी यूरीन के वेग को रोकना चाहिए और न ही लघुशंका होने पर देर करनी चाहिए वरना इससे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। मसलन- मूत्राशय में खिंचाव बढ़ जाता है, गुर्दे में पथरी बनने लगती है, यूटीआई हो जाता है व शरीर में बैक्टीरिया पनपने की आशंका बढ़ जाती है। बारिश के दिनों में ऐसा ज्यादा होता है, क्योंकि इन दिनों बैक्टीरिया संक्रमण जल्दी होता है। अगर इन दिनों बार-बार नेचर कॉल रोकें तो इससे यूरीन के साथ खून आने के भी समस्या पैदा हो जाती है।

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दिखावा पड़ सकता है भारी

अगर कोई लंबे समय तक रोकने की क्षमता दिखाने के लिए यूरीन रोकते हैं तो इससे लेने के देने पड़ सकते हैं। लंबे समय तक लघुशंका न जाने से मूत्राशय में खिंचाव आ जाता है और कई बार यह फैल जाता है। इससे शरीर की समूची व्यवस्था में बेतरतीबी पैदा हो जाती है और हम कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। मूत्र का वेग रोकना किसी भी मौसम में एक तरह से अपने किडनी को जोखिम में डालना है क्योंकि इससे किडनी पर भारी दबाव पड़ता है और कार्यक्षमता प्रभावित होती है। लंबे समय तक ऐसा करने से किडनी की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।

संक्रमण बढ़ने का जोखिम

कभी-कभार लघुशंका रोकना बहुत मजबूरी हो तो एकाध बार ऐसा कर सकते हैं। लेकिन नियमित रूप से पेशाब रोकना, इसे अपनी शारीरिक क्षमता दिखाने का जरिया बना देना सही नहीं है। इससे बहुत तरह की समस्याएं उठ खड़ी होती हैं। इससे शरीर में अपने ही पेशाब से संक्रमण बढ़ने की आशंका रहती है। पेशाब के रास्ते में जलन पैदा हो जाती है और फिर बार बार पेशाब आता है तथा कई बार तो यह बेहद बदबूदार हो जाता है। पेशाब वास्तव में शरीर से फिल्टर किया गया गंदा पानी होता है, इसे जितना जल्दी हो शरीर से बाहर कर देना चाहिए। अगर देर तक हम पेशाब को रोककर रखते हैं तो इससे हमें कई तरह की परेशानियां होती ही हैं। इससे हमारे शरीर की फिल्टर प्रोसेस खराब हो जाती है और किडनी से जुड़ी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

किडनी स्टोन की आशंका

कुछ लोग आदतन बिना किसी वजह के भी देर तक यूरीन रोके रखते हैं। ऐसा करने से पीठ और पेट के निचले हिस्से व पसलियों में दर्द होने लगता है। ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से मूत्राशय की दीवारें कमजोर हो जाती है, जिससे ब्लैडर के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। चूंकि पेशाब में यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट नामक मिनरल मौजूद होते हैं, इसलिए जब कोई व्यक्ति बहुत देर तक अपनी लघुशंका रोककर रखता है तो ये दोनों चीजें मिलकर किडनी स्टोन बना देती हैं।

सजगता जरूरी

कई बार आप यूरीन नहीं भी रोकिये तो भी जल्दी-जल्दी आता है। जल्दी-जल्दी जाना अगर सामान्य दिनों से ज्यादा है, तो हमें सजग होना चाहिए और किसी मूत्र रोग विशेषज्ञ से मिल लेना चाहिए, ताकि बार-बार लघुशंका होने की वजह का भी पता चल सके।
एक उम्र के बाद चाहे महिलाएं हों या पुरुष उनको जल्दी-जल्दी यूरीन आने लगता है। यह सिर्फ उनकी शारीरिक समस्या की वजह से नहीं होता, कई बार इसकी वजह बिगड़ता पर्यावरण भी हो सकता है। बार-बार लघुशंका के अनगिनत कारण हैं और हर कारण का संबंध कहीं न कहीं शरीर के स्वास्थ्य से है। इसलिए अगर हम खुद के प्रति लापरवाह नहीं हैं, तो हमें जैसे ही यूरीन संबंधी कोई समस्या महसूस हो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ज्यादातर मौकों पर समस्या शुरू में बहुत छोटी होती हैं, लेकिन हम लगातार इसकी अनदेखी करके इसे बड़ा बना देते हैं। जिन सीनियर लोगों को बारिश और जाड़े के दिनों में दिनभर में 10 से 15 बार वॉशरूम करने जाना पड़ता है, तो यह उनके अंदर पनप रही किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति को हल्के में न लें, न ही खुद अपने आपके डॉक्टर बनें, बेहतर है किसी डॉक्टर को दिखा दें।

-इ.रि.सें.

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