जोखिम से जूझने का जज्बा है तो बनें सुरक्षा विश्लेषक
देश-दुनिया में आतंक से जूझने के लिए सुरक्षा प्रोफेशनल्स या टेररिज्म मैनेजमेंट के एक्सपर्ट चाहिये। ये पेशेवर संभावित आतंकवादी खतरे और हमले का पता लगाने व काउंटर करने में माहिर होते हैं। खुफिया जानकारी जुटाना, सुरक्षा रणनीति बनाना व संकट प्रबंधन व साइबर सिक्यूरिटी की निगरानी भी इनका काम है। सेना व बलों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों व निजी कपंनियों में इनकी डिमांड है।
कीर्तिशेखर
आतंकरोधी सुरक्षा प्रोफेशनल एक बिल्कुल ‘नीस’ या खास कैरियर है। अभी तक देश में कोई 10000 से 12000 के बीच ही आतंकरोधी सुरक्षा विश्लेषक या विभिन्न स्तर के आतंकरोधी प्रोफेशनल हैं,जबकि देशभर की चाक चौबंद सुरक्षा के लिए कम से कम 2 लाख ऐसे सुरक्षा विश्लेषकों की जरूरत है। पहलगाम के टेरर अटैक के बाद देश की सभी तरह की सुरक्षा एजेंसियों में ऐसे प्रोफेशनल्स की शिद्दत से जरूरत महसूस की जा रही है। देश के दो दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण रक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय और आईआईटीज़ इस विषय पर कई महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम संचालित कर रही हैं और देश-दुनिया के लिए आतंक से जूझने के लिए सुरक्षा प्रोफेशनल्स या टेरोरिज्म मैनेजमेंट के एक्सपर्ट तैयार कर रही हैं। इस क्षेत्र को आतंक प्रबंधन का क्षेत्र भी कहते हैं। इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण प्रोफेशनल को नेशनल सिक्यूरिटी एनालिस्ट या राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक कहते हैं। इसका काम आतंकी गतिविधियों का विश्लेषण करना, आतंकी घटनाओं की आशंकाओं का अनुमान लगाना, विभिन्न खुफिया रिपोर्टों के आधार पर भविष्य में घटने जा रही आतंकी गतिविधियों का सुराग ढूंढना और उनकी भविष्य की रणनीतियों को समझना है। देश की सुरक्षा के लिए उनसे निपटने की रणनीति बनाने का काम यही प्रोफेशनल्स करते हैं।
किन क्षेत्रों में मिलती है नौकरी
जहां तक अपने देश में ऐसे सुरक्षा प्रोफेशनल्स को नौकरी देने का सवाल है तो विभिन्न खुफिया एजेंसियां हैं जैसे रॉ, आईबी, एनआईए, डीआरडीओ, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस, थिंक टैंक्स जैसे आईडीएफए और ओआरएफ। ये विभिन्न संगठन और संस्थान हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषकों या टेरर मैनेजमेंट से डील करने वालों को नौकरी देते हैं। इस क्षेत्र का दूसरा महत्वपूर्ण प्रोफेशनल ‘काउंटर टेरोरिज्म स्पेशलिस्ट’ होता है। इसका काम आतंकियों की फंडिंग पर नजर रखना, उनके नेटवर्क को जानना-समझना व ध्वस्त करना, साइबर एक्टिविटी और रणनीति की जांच करना है। इन प्रोफेशनल्स को पुलिस, सेना, पैरामिलिटरी, निजी सेक्यूरिटी कंपनियों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों में सेवा का अवसर मिलता है। इस क्षेत्र का तीसरा महत्वपूर्ण प्रोफेशनल है- ‘इंटेलीजेंस ऑफिसर’। इसका काम गुप्त सूचनाएं एकत्र करना, उनका विश्लेषण करना, संभावित खतरों की पहचान करना व महत्वपूर्ण संस्थानों, संगठनों को आतंकी योजनाओं और गतिविधियों से सुरक्षित रखना है। इंटेलीजेंस ऑफिसर को आईबी, रॉ, एनआईए, डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसीज तथा एनजीओ में नौकरी मौका मिल जाता है।
क्राइसेस एंड रिस्क मैनेजमेंट कंसल्टेंट
आतंकरोधी सुरक्षा विश्लेषक दस्ते का अगला महत्वपूर्ण प्रोफेशनल है- साइबर सिक्यूरिटी और एंटी-रेडिक्लाइजेशन की निगरानी व उसमें रोकथाम की हर संभव कोशिश करने वाला। इस सुरक्षा एक्सपर्ट को सीईआरटी-इन एनटीआरओ, प्राइवेट साइबर सिक्यूरिटी फर्म्स और होम मिनिस्ट्री में नौकरी के मौके मिलते हैं। जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक या एक्सपर्ट की इस कतार के अगले महत्वपूर्ण प्रोफेशनल की बात है तो यह ‘क्राइसेस एंड रिस्क मैनेजमेंट कंसल्टेंट’ होता है। इस प्रोफेशनल के जिम्मे आतंकी घटनाओं को रोकना, इसके लिए रणनीति बनाना और कोई अनहोनी हो, इसके पहले ही जानकारी जुटाना है। इस क्षेत्र में काम करने वालों को यूएन, एनजीओ, लॉर्ज कारपोरेशंस विद हाई रिस्क जोन आदि में सुरक्षा जिम्मेदारी संभालने का मौक़ा मिलता है। जबकि इस क्षेत्र का अगला और अंतिम महत्वपूर्ण प्रोफेशनल स्ट्रेटेजिक अफेयर्स एक्सपर्ट होता है। इसका मुख्य कार्य आतंकवाद से जुड़ी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय नीतियों का कूटनीतिक विश्लेषण करना होता है। ऐसे प्रोफेशनल्स को नीति संस्थानों और विदेश मंत्रालय में महत्वपूर्ण जगह मिलती है।
डिग्री और कोर्सेज
* एमए इन सिक्योरिटी स्टडीज/ स्ट्रैटेजिक अफेयर्स : इस पाठ्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण संस्थान हैं- जेएनयू, डीयू और सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिर्टी और इस कोर्स के लिए कोर सब्जेक्ट होता है- आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय संबंध। * पीजी डिप्लोमा इन काउंटर टेरोरिज्म : यह पाठ्यक्रम आतंकरोधी रणनीति जैसे विषय का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके अध्ययन की सुविधा राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी (गुजरात) देती है। * एमटेक इन साइबर सिक्यूरिटी : यह साइबर आतंकवाद जैसे कोर विषय का पाठ्यक्रम है और इसकी पढ़ाई ज्यादातर आईआईटीएस और आईआईआईटीएस जैसे संस्थानों में होती है। * ट्रेनिंग फॉर इंटेलीजेंस/डिफेंस : सुरक्षा बलों में कैरियर संबंधी इस विषय को एनडीए, सीडीएस, यूपीएससी और सीएपीएफ जैसे संस्थान डील करते हैं।
वेतनमान और सुविधाएं
इस क्षेत्र के ज्यादातर प्रोफेशनल्स को सरकारी आवास, सुरक्षा और यात्रा भत्ता आदि मिलते हैं। जहां तक सैलरी की बात है तो आमतौर पर 1 लाख रुपये से लेकर 2 से 3 लाख रुपये तक महीने की सैलरी होती है। कारपोरेट क्षेत्र में भी अब ऐसे विशेषज्ञों की बड़े पैमाने पर मांग बढ़ रही है इसलिए भी आकर्षक सैलरी उपलब्ध हैं। इन विशेषज्ञों को नौकरी देने वाली प्राइवेट क्षेत्र की महत्वपूर्ण कंपनियां हैं-
* ग्लोबल रिस्क फर्म्स- कंट्रोल रिस्क,पिंकर्टन, जी4एस इंटलीजेंस, साइबर सिक्योरिटी एमएनसीज़- पालो आल्टो, क्राउडस्ट्राइक, फायरआई, इनफोसिस, टीसीएस, कंसलटेंसी फर्म्स- ईवाई डिलोइट, मैकिंसे (डिफेंस एंड रिस्क वर्टिकल्स),*थिंक टैंक/एनजीओ- ओआरएफ, कॉर्नेगी इंडिया, आर्ब्जवर फाउंडेशन, यूएनओडीसी,* मीडिया/डेटा इनवेस्टिगेशन- बीबीसी मॉनिटरिंग, स्टार्ट न्यूज, ग्लोबल, जेंस डिफेंस वीकली।
सिक्यूरिटी एनालिस्ट या आंतकवाद से निपटने वाले एक्सपर्ट की इस देश में भारी पैमाने पर जरूरत है। यह क्षेत्र भले अभी सीमित दिख रहा हो, लेकिन यह बेहद एलीट क्षेत्र है, जहां नौकरी में भरपूर पैसा और सभी तरह की व्हाइट कॉलर सुविधाएं मौजूद हैं। -इ.रि.सें.