हुनर हो तो भीख भी है चोखा कारोबार
आलोक पुराणिक
विश्व बैंक ने पाकिस्तान को डांटा है कि सुधर जाओ, नहीं तो....। नहीं तो कुछ नहीं होना, पाकिस्तान को पता है। उसे पता है कि जो मुल्क चीखते चिल्लाते हैं, आखिर में वो ही भीख भी देंगे, गाड़ी चलती रहेगी। मांगने वाले को कोई पसंद नहीं करता, पर इतनी भीख तो मिल ही जाती है कि काम चलता रहता है।
सऊदी प्रिंस को भारत आना था जी-20 की बैठक के लिए, पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वे पाकिस्तान होते हुए ही जायेंगे। ऐसा न हुआ, सऊदी प्रिंस पाकिस्तान ना गये। फिर पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इंडिया से लौटते वक्त पाकिस्तान रुकेंगे। यह भी न हुआ।
पाक इस कदर प्रोफेशनल मांगने वाला मुल्क हो चुका है, उसे अब यह सोचने की फुरसत नहीं है कि लोग भीख मजबूरी में देते हैं, पर भिखारियों की सूरत देखना पसंद नहीं करते। कल्पना कीजिये, कोई बंदा तैयार होकर चमाचम कपड़े पहनकर किसी शानदार पार्टी में जा रहा है, शानदार कार में बैठकर। रास्ते में चौराहे पर कोई भिखारी अपने कटोरे की ठकठक कार की खिड़की पर करता है। कार के अंदर का बंदा परेशान होकर अपना मुंह दूसरी खिड़की की तरफ घुमा लेता है। भिखारी कूदकर दूसरी तरफ भी ठकठक मचा देता है। ऐसे में कार वाला बंदा नाराज परेशान होकर दस बीस रुपये कटोरे पर मारकर जान छुड़ाता है।
अब आनलाइन भीख का जमाना है, भीख देने वाला मांगने वाले का चेहरा नहीं देखना चाहता था, जो भीख देनी है, आनलाइन दे देंगे। पाकिस्तान में भीख आनलाइन, आफलाइन सब तरह की ली जाती है। पाकिस्तान भीख लेने को लेकर इस कदर प्रोफेशनल है कि जिन देशों के खिलाफ पाकिस्तान में प्रदर्शन होते हैं, पाकिस्तान सरकार उन देशों तक से भीख ले आती है। फ्रांस के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन होते रहे हैं पाकिस्तान में। पर फ्रांस ने कुछ मदद की, तो पाक ने झुककर ली।
पाकिस्तानी हुक्मरान दुनिया भर में जाकर बताते हैं कि कैसे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जानी चाहिए, जबकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर भयंकर अत्याचार होते हैं। पाकिस्तानी हुक्मरान दुनिया भर में जाकर बताते हैं कि हमने आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, पर पाकिस्तानी सरकार आतंकियों की सबसे बड़ी स्पांसर है। पर इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। भीख मांगना अलग धंधा है, ज्ञान बांटना अलग धंधा है। भीख भी मांगेंगे, सीख भी देंगे, पाकिस्तान अब दुनिया भर में कामेडी के काम आता है।
पाकिस्तान चाहे तो वह एकाध कोर्स के जरिये कुछ डालर कमा सकता है। भीख कैसे मांगी जाये-इस विषय पर पाकिस्तान कोर्स चला सकता है। पिचहत्तर सालों का तजुर्बा है पाकिस्तान को।