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फैसला लागू नहीं किया तो जारी रहेगा आंदोलन

10:55 AM Feb 18, 2024 IST

भिवानी, 17 फरवरी (हप्र)
सभी विभागों, बोर्डो, निगमों, नगर निगमों, विश्वविद्यालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मियों का साझा संगठन हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन संबंद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा राज्य कमेटी की ओर से हितेंद्र सिहाग, जगमेंद्र सिंह, प्रवीण मोर, सुनीता कालीरमण, मुकेश खरब ने कहा कि गठबंधन सरकार अपना चुनावी संकल्प पत्र शीघ्र लागू करे।
चुनावी घोषणा पत्र, जी माधवन कमेटी की रिपोर्ट व 25 अगस्त 2014 के मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार लिपिक का वेतन 35400 बनता है। मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कर्मी अपने वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर दो दशकों से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार ने उनकी कोई वेतन बढ़ोतरी नहीं की है। अगर समय रहते वेतनमान बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया तो कर्मचारी आने वाले चुनाव में वोट की चोट कर अपना हिसाब चुकता करेगा।
उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 16900 व अधिकतम 1.88 लाख रुपये रखा गया है। वेतन आयोग के संदर्भ में गठित कमेटी के समक्ष भी कहा गया था कि न्यूनतम व अधिकतम वेतन का अनुपात 1.7 से अधिक नहीं होना चाहिए। अब यह 1.14 है। इसे ठीक किया जाए तो ग्रुप डी का मूल वेतन 26 हजार बनता है।
उन्होंने मांग की कि समयबद्ध पदोन्नति, एसीपी 5-10-15, वर्कलोड अनुसार नये पद, ग्रुप डी पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत, 2014 की नीति के तहत नियमित हुए कर्मियों की सेवा-सुरक्षा, एक्सग्रेसिया में लगाई गई शर्त हटाने, पुरानी पेंशन बहाल करने, आऊटसोर्सिंग, ठेकाप्रथा, नीजिकरण की नीतियों पर लगाई जाए।

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