अभ्यर्थी दोषी मिला तो दो वर्षों के लिए लगेगा प्रतिबंध
चंडीगढ़, 24 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने हंगामे और विपक्ष के कड़े विरोध के बीच नकल विरोधी कानून को विधानसभा में पास कर दिया। सोमवार को सदन में टेबल किए गए अधिनियम में मंगलवार को सरकार ने थोड़ा बदलाव करते हुए इसे नये सिरे से पेश किया। नकल करते हुए और पेपर लीक मामले में अभ्यर्थी के दोषी साबित होने पर उसे 2 साल तक की सजा तो होगी ही, साथ ही, अगले दो वर्षों के लिए उसे किसी भी तरह की परीक्षा के लिए प्रतिबंधित भी किया जाएगा। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सदन में यह बिल पेश किया। कांग्रेस विधायकों ने इसे सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की, जिसे सिरे से खारिज कर दिया गया। सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की अगली भर्तियों के लिए होने वाली परीक्षा से ही इसे लागू किया जाएगा। हरियाणा से पहले और भी कई राज्यों में इस तरह का कानून बनाया जा चुका है। पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए हुई परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया।
यूनिवर्सिटी कानून से हो बाहर
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कांग्रेस विधायकों ने बिल की ड्राफ्टिंग से लेकर कहा, इसकी योजना बनाने वाला या चोर से चोरी कराने वाले का जिक्र नहीं है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा बोले, यूनिवर्सिटी को कानून से बाहर करना चाहिए। उनका तर्क था कि विवि स्वतंत्र बॉडी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को लेकर सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, देरी नहीं करेंगे। चूंकि अगले माह परीक्षाएं होनी हैं। कांग्रेस विधायकों ने कहा, पेपर लीक होने से उन अभ्यर्थियों का क्या होगा, जो हजारों रुपए खर्च करके तैयारी करते हैं। उन्होंने कहा कि एक्ट में संशोधन के लिए अधिकार भी मुख्य सचिव को दे दिए हैं। ऐसे में विधायिका की जरूरत ही नहीं होगी।