धान की फसल के लिए नहर का पूरा पानी नहीं मिला तो होगा प्रदर्शन
समराला, 17 जून (निस)
गर्मी के मौसम में जब धान की रोपाई का काम जोरों पर होता है तो नहर का पानी किसान के लिए जीवनदायी होता है, लेकिन जब पर्याप्त पानी न मिले तो धान के साथ-साथ किसान की सांसें भी सूख जाती हैं। ऐसा ही कुछ इस बार हो रहा है जब किसानों को धान की खेती के लिए पर्याप्त नहरी पानी नहीं मिल रहा। भारतीय किसान यूनियन (लक्खोवाल) के राज्य सचिव परमिंदर सिंह पाल माजरा और जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह ढींडसा ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार के किसानों को पूरा नहरी पानी देने के दावों की हवा निकल गई है। किसानों के खेतों तक पर्याप्त नहरी पानी नहीं पहुंच रहा। उन्होंने कहा कि कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पिछले दो साल से नहर का पानी खेतों तक नहीं पहुंचा है। उन्होंने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसानों को धान की फसल के लिए पूरा नहरी पानी उपलब्ध करवाए, अन्यथा वे सरकार के किसान विरोधी रवैये के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने से गुरेज नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटी नहरों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च किये हैं, लेकिन न तो सरकार अपने मकसद में सफल ही हो पायी है और न ही किसान संतुष्ट हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा नहरी पटवारियों पर किसानों को नहर का पूरा पानी देने की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाया जा रहा है। जो पटवारी दबाव में नहीं आते उन्हें स्थानांतरण व निलंबन आदि के जरिए डराने का प्रयास किया जा रहा है।
कम से कम दस महीने नहरी पानी दे सरकार
उन्होंने आशंका जताई कि भगवंत मान सरकार पंजाब का पानी दूसरे राज्यों को देना चाहती है, जबकि पंजाब के पास पहले ही खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के किसानों के साथ सरकार का धोखा है। उन्होंने कहा कि जब किसानों को पूरा नहरी पानी नहीं मिलेगा तो किसान खुशहाल कैसे होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार को कृषि सिंचाई के लिए साल में कम से कम दस महीने नहरी पानी छोड़ना चाहिए ताकि किसानों को बिजली की मोटरें न चलानी पड़ें। उन्होंने कहा कि बिजली के अभाव में सब्जियां, गन्ना, मक्का व हरा चारा जल जाता है।
इन गांवों को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी
उन्होंने समराला तहसील के उन गांवों का ब्यौरा भी साझा किया जहां पर्याप्त नहरी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि चहलां, शामगढ़, झकड़ौदी, भगवानपुरा, मुत्तों, खट्टरां, मादपुर, बलाला, खहरे और महदूदां आदि गांवों के किसानों को नहरी पानी नहीं मिल रहा है।
नहीं पहुंचा रजवाहों में पानी, किसान धान की फसल लगाने से वंचित
राजपुरा (निस) : पंजाब सरकार की तरफ से पटियाला सहित अन्य जिलों में धान की रोपाई शुरू करने के लिए 15 जून की तारीख निश्चित की गई थी लेकिन अभी तक शहर के बीचों-बीच निकलने वाली भाखड़ा-नरवाणा ब्रांच नहर के रजवाहे (माइनर) पानी के इंतजार में सूखे पड़े हैं। किसान नेता जगदीप सिंह अलूणा, मान सिंह राजपुरा, जोरावर सिंह बलबेड़ा, गुरदीप सिंह उंटसर, गुरमीत सिंह टहलपुरा, प्रेम सिंह कलरभैणी, मान सिंह शामदू, उजागर सिंह धमौली, राहुल तनेजा झांसला, सुखचैन सिंह फरीदपुर का कहना है कि एक तरफ तो पंजाब सरकार किसानों से वादा कर रही है कि सारे खेतों में नहरी पानी की व्यवस्था की जा रही है लेकिन दूसरी तरफ रजवाहों में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। एक्सियन गुनदीप सिंह ने सम्पर्क करने पर बताया कि मोघे व थोड़े बहुत कार्य मुकम्मल करने के चलते फिलहाल रजवाहों में पानी शुरू नहीं हो पाया है। जल्द ही इलाके के सभी रजवाहों में पानी छोड़ा जायेगा।