धर्मांतरण नहीं रुका तो अल्पसंख्यक में तबदील हो जाएंगे बहुसंख्यक : इलाहाबाद हाईकोर्ट
प्रयागराज, 2 जुलाई (एजेंसी)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर धार्मिक समागमों में धर्मांतरण को तत्काल नहीं रोका गया तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी।
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कैलाश नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिस पर यहां के एक गांव के कई लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के कृत्य में शामिल होने का आरोप है। अदालत ने कहा, ‘मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें कहा गया कि उसके भाई समेत अन्य लोगों को समागम में शामिल होने के लिए गांव से नयी दिल्ली ले जाया गया जहां उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। उनका भाई गांव कभी नहीं लौटा।’ अदालत ने कहा, ‘ऐसे धार्मिक समागमों को तुरंत रोका जाना चाहिए जहां धर्मांतरण किया जा रहा है।’ इस मामले में कैलाश के खिलाफ 2023 में जिला हमीरपुर के मौदहा थाना में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 और विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अधिनियम, उत्तर प्रदेश की धारा 3/5 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी के मुताबिक, रामकली प्रजापति के भाई रामफल समेत गांव के कई लोगों को धार्मिक समागम में शामिल होने के लिए कैलाश द्वारा नयी दिल्ली ले जाया गया जहां उन्हें ईसाई धर्म में धर्मांतरित कर दिया गया। कैलाश ने रामकली से वादा किया था कि मानसिक रोग से ग्रस्त उसके भाई का इलाज किया जाएगा और एक सप्ताह के भीतर वह गांव वापस आ जाएगा, लेकिन वह नहीं लौटा। जब रामकली ने कैलाश से इस बारे में पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया।
} कई मामलों में यह बात इस अदालत के संज्ञान में आई है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों समेत अन्य जाति के लोगों का गैर कानूनी ढंग से पूरे उत्तर प्रदेश में धड़ल्ले से ईसाई धर्म में धर्मांतरित किया जा रहा है।- ~
- इलाहाबाद हाईकोर्ट