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बारिश आई तो गांव केसरी में गिरेंगे दर्जनों मकान

09:31 AM Jun 07, 2024 IST
बराड़ा के गांव केसरी में नाले की खुदाई से एक मकान में आई दरारें। -िनस

बराड़ा, 6 जून (निस)
गांव केसरी में पोकलेन मशीन द्वारा नाले की खुदाई के दौरान लोगों के घरों में काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे पीड़ित लोगों में भारी चिंता बनी हुई है।
यदि बारिश होती है तो यह मकान गिर सकते हैं। हैरानी की बात यह कि 25 मई को नाले की खुदाई की गई, जिसमें लोगों के घरों का नुकसान हुआ जबकि नोटिस उन्हें 30 मई को दिए। पीड़ितों ने बताया कि इससे पहले उन्हें कभी नोटिस नहीं दिया गया। हालांकि सरपंच प्रतिनिधि रूपिन्द्र ने लोगों को भेजा गया नोटिस दिखाया तो उसमें 30 मई की तिथि अंकित थी, जिसके बारे में ग्रामीणों ने भी कबूल किया। बाद में रूपिन्द्र ने बताया कि इससे पहले भी एक नोटिस भेजा था, लेकिन इस नोटिस के बारे में पीड़ितों को नहीं पता। पीड़ितों का आरोप है कि नाले की सफाई से पहले उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। गांव केसरी निवासी जग्गा सिंह, सीताराम, नीताराम, ग्रामीण चौकीदार चांदराम, उषा रानी, रामप्यारी, पूजा रानी, आरती, रेखा, पूनम, लीला देवी, केशो देवी, कृष्णा देवी, अशोक कुमार, परमजीत, गुरमेलो देवी, सुलोचना, गुरदेवी, रूपा देवी, संजना देवी व अन्य ने बताया कि गांव में गंदे पानी का नाला बहुत पुराना है, जो केसरी से होकर बजीदपुर, लंडा की तरफ निकलता है।
इस नाले के दोनों तरफ लोग करीब 40 वर्षाें से घर बनाकर रहे रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि मई महीने में ग्राम पंचायत की तरफ से उन्हें बिना कोई सूचना या नोटिस दिए पोकेलन मशीन से सफाई शुरू करवा दी गई। पोकलेन मशीन द्वारा नाले की काफी गहराई से खुदाई की गई और नाले के दोनों तरफ बने मकानों की नींव के बिलकुल साथ से मिट़्टी उखाड़ दी गई है। इन लोगों ने बताया कि बताया कि पोकलेन मशीन द्वारा मिट्टी हटाने और कंपन से उनके घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई। उन्होंने कहा कि उनके घर बिलकुल तबाह होने के कगार पर हैं, यदि बारिश हुई तो उनके घर ढह जाएंगे और नाले में गिर जाएंगे।
गांव के सरपंच प्रतिनिधि रूपिन्द्र का कहना है कि इस नाले की पैमाइश कराई गई थी, जिस पर दोनों तरफ लोगों द्वारा कब्जा किया गया है। बारिश के दिनों में गांव का जोहड़ भी ओवरफ्लो हो जाता है और इस नाले का पानी सड़कों पर आ जाता है, इसलिए बारिश से पहले इसकी सफाई कराई जा रही है। रूपिन्द्र ने कहा कि ग्रामीणों को नोटिस दिया गया था और उसके बाद ही कार्रवाई की गई है।

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