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केंद्रीय बजट में मांगों की अनदेखी की तो फिर होगा आंदोलन : सुभाष लांबा

10:49 AM Jul 20, 2024 IST
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फरीदाबाद, 19 जुलाई (हप्र)
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बजट में पुरानी पेंशन, आठवें पे कमीशन के गठन, संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन, 18 महीने के बकाया डीए, डीआर के भुगतान व जनसेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने, खाली पदों को स्थाई भर्ती से भरने की घोषणा करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को एनडीए सरकार के तृतीय कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही हैं, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र एवं राज्य कर्मचारी व पेंशनर्स अपनी उपरोक्त वर्णित मांगों को लेकर लंबे समय से संधर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। इससे देशभर के कर्मचारियों एवं उनके परिजनों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी थी।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की और से महासचिव ए श्रीकुमार ने 9 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बजट में कर्मचारियों की मांगों को एड्रेस करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर बजट में कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की तो 13-14 अगस्त को हैदराबाद में होने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पुन: राष्ट्रव्यापी आंदोलन की कार्यनीति तैयार की जाएगी।
सुभाष लांबा ने बताया कि मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार केन्द्र सरकार पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली की बजाय गारंटिड पेंशन स्कीम देने पर विचार कर रही है। केंद्र एवं राज्य कर्मियों ने यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में करीब 50 लाख आउटसोर्स संविदा कर्मचारी 10 से 15 सालों से सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, यूनिवर्सिटी आदि में काम कर रहे हैं। लेकिन सरकार उन्हें रेगुलर करने की कोई पालिसी बना रही और न ही समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान कर रही। उन्होंने कहा कि जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू किया जाना है, लेकिन अभी तक इसका गठन तक नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स में भारी बैचेनी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्यों तथा पीएसयू में करीब एक करोड़ पद रिक्त हैं। लेकिन सरकार इसको स्थाई भर्ती से भरने की बजाय अग्निवीर, फिक्स टर्म एम्प्लॉयमेंट जैसी भर्ती कर बेरोजगार युवाओं के हितों पर कुठाराघात कर रही है।

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