डायरेक्टर का एक्टर भी हूं
11:23 AM Nov 25, 2023 IST
प्रोडक्शन के प्रति लगाव
शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि अपने चाचा प्रसिद्ध फिल्मकार नासिर हुसैन के सान्निध्य में रहने की वजह से फिल्म प्रोडक्शन का काम हमेशा उनका प्लस प्वाइंट रहा है। फिल्म प्रोडक्शन के प्रति उनका समर्पण भाव पहली बार ‘लगान’ में खुलकर सामने आया। इसके बाद वह रुके नहीं। सिर्फ पुिल्म ‘लगान’ ही नहीं ‘तारे जमीन पर’, ‘डेल्ही बेली’, ‘दंगल’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ आदि फिल्में उनके फिल्म प्रोडक्शन का चरम है।
ईमानदार निर्माता
आमिर इस मामले में भी जुदा हैं कि अन्य सुपर स्टार की तुलना में वह अपनी पराजय को सहर्ष कबूल कर लेते हैं। वह चाहे ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ हो या फिर ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी बड़ी पराजय...आमिर ऐसी किसी फ्लॉप का बचाव करते दिखाई नहीं पड़े। यही वजह है कि अपनी पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की विफलता का भी उन्होंने शिद्दत से आकलन किया। अब वह अपने पूरे मूड में हैं जिसका नतीजा है ‘लाहौर-47’।
हर काम सोच-समझ कर
‘अंदाज अपना-अपना’ के दिनों से ही संजीदा फिल्मकार राजकुमार संतोषी के साथ उनकी विशेष ट्यूनिंग रही है। उधर संतोषी के प्रिय एक्टर सनी देओल रहे हैं। मगर ‘भगत सिंह’ के निर्माण के बाद से उनमे दूरियां आ गई। दूसरी तरफ, सनी और आमिर में गहरी दोस्ती है। वैसे भी मिस्टर परफेक्शनिस्ट अपना हर काम बहुत सोच-समझ कर करते हैं। इसलिए ‘लाहौर-47’ जैसा बड़ा प्रोजेक्ट बनाने में उन्हें कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई। इसकी कहानी पर दोनों में ही लंबे अरसे से विचार -विमर्श चल रहा था। और ‘गदर-2’ की भारी सफलता के बाद आमिर ने इसे बनाने का फैसला कर लिया।
सनी पहली और अंतिम च्वाइस
सनी देओल की स्वीकृति पाने में आमिर को जरा भी परेशानी नहीं हुई। यह आमिर के प्रोडक्शन की 17वीं फिल्म है। संतोषी फिल्म निर्माण में अपनी सुस्ती के लिए काफी मशहूर हैं,मगर उनकी वह सुस्ती अब यहां नहीं चलेगी। क्योंकि आमिर ने ‘लाहौर-47’ की रिलीज डेट 15 अगस्त, 2025 फिल्म की घोषणा के साथ ही तय कर दी है। यह भी उनके फिल्म निर्माण के अनुशासन का एक हिस्सा है।
फुल टाइम फिल्म मेकिंग
फिलहाल आमिर की गतिविधियों से साफ लगता है कि वह फिल्म मेकिंग को पूरा समय दे रहे हैं। अपनी प्रोडक्शन की दो और फिल्मों के निर्माण की प्राथमिक तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा कमल हासन की अगली फिल्म ‘इंडियन-2’ को भी वह दिग्गज रजनीकांत के साथ रिलीज कर रहे हैं। असल में साउथ के दिग्गज अभिनेता कमल हासन के भी वह मुरीद हैं।
डायरेक्टर का एक्टर
अपने जुदा चेहरे के साथ वह फिर एक बार इस बात का खंडन करते हैं कि वह परदे के पीछे से डायरेक्टर को नियंत्रित करते हैं। वह हंसकर कहते हैं,‘असल में किसी बनी-बनाई धारणा को तोड़ना बहुत मुश्किल होता है। मैं जब यह कहता हूं कि मैं ऐसा नहीं करता हूं,तो ज्यादातर लोग मेरी बात का यकीन नहीं करते। सच तो यह है कि दूसरे एक्टर्स की तरह मैं भी डायरेक्टर का एक्टर हूं। मैं जब भी किसी के साथ काम करता हूं,उसके पूर्व काम को कभी नहीं देखता हूं। वह डायरेक्टर वर्तमान में मुझे कितना प्रभावित कर पाएगा,यही बात मेरे लिए ज्यादा मायने रखती है।’
बतौर अभिनेता आमिर ने फिल्मों के मामले में कभी जल्दबाजी नहीं दिखाई। फिल्मों का निर्माण भी वे काफी सोच-विचार के बाद करते हैं। ‘लगान’ ‘तारे जमीन पर’, ‘दंगल’ जैसी सफल फिल्में इसकी मिसाल हैं। अब वे नयी फिल्म की मेकिंग में व्यस्त हैं। वहीं डायरेक्टर के काम में हस्तक्षेप की बात से उन्होंने इनकार किया।
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असीम चक्रवर्ती
फिल्म लाल सिंह चड्ढा के काफी दिनों बाद आमिर अब भी शांत हैं। वैसे यह सर्वविदित है कि आमिर बतौर अभिनेता साल-दो साल में एक फिल्म करते हैं। उनकी फिल्मों के प्रति दर्शकों का जबर्दस्त क्रेज होता है। पर इन दिनों वह एक अभिनेता के तौर पर ज्यादा सोच नहीं रहे हैं। पर परफेक्शनिस्ट आमिर ज्यादा दिन शांत रहनेवाले लोगों की श्रेणी में नहीं आते हैं। इसलिए बहुत चौंकाऊ ढंग से उनका एक जुदा चेहरा सामने आया है...
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प्रोडक्शन के प्रति लगाव
शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि अपने चाचा प्रसिद्ध फिल्मकार नासिर हुसैन के सान्निध्य में रहने की वजह से फिल्म प्रोडक्शन का काम हमेशा उनका प्लस प्वाइंट रहा है। फिल्म प्रोडक्शन के प्रति उनका समर्पण भाव पहली बार ‘लगान’ में खुलकर सामने आया। इसके बाद वह रुके नहीं। सिर्फ पुिल्म ‘लगान’ ही नहीं ‘तारे जमीन पर’, ‘डेल्ही बेली’, ‘दंगल’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ आदि फिल्में उनके फिल्म प्रोडक्शन का चरम है।
ईमानदार निर्माता
आमिर इस मामले में भी जुदा हैं कि अन्य सुपर स्टार की तुलना में वह अपनी पराजय को सहर्ष कबूल कर लेते हैं। वह चाहे ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ हो या फिर ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी बड़ी पराजय...आमिर ऐसी किसी फ्लॉप का बचाव करते दिखाई नहीं पड़े। यही वजह है कि अपनी पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की विफलता का भी उन्होंने शिद्दत से आकलन किया। अब वह अपने पूरे मूड में हैं जिसका नतीजा है ‘लाहौर-47’।
हर काम सोच-समझ कर
‘अंदाज अपना-अपना’ के दिनों से ही संजीदा फिल्मकार राजकुमार संतोषी के साथ उनकी विशेष ट्यूनिंग रही है। उधर संतोषी के प्रिय एक्टर सनी देओल रहे हैं। मगर ‘भगत सिंह’ के निर्माण के बाद से उनमे दूरियां आ गई। दूसरी तरफ, सनी और आमिर में गहरी दोस्ती है। वैसे भी मिस्टर परफेक्शनिस्ट अपना हर काम बहुत सोच-समझ कर करते हैं। इसलिए ‘लाहौर-47’ जैसा बड़ा प्रोजेक्ट बनाने में उन्हें कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई। इसकी कहानी पर दोनों में ही लंबे अरसे से विचार -विमर्श चल रहा था। और ‘गदर-2’ की भारी सफलता के बाद आमिर ने इसे बनाने का फैसला कर लिया।
सनी पहली और अंतिम च्वाइस
सनी देओल की स्वीकृति पाने में आमिर को जरा भी परेशानी नहीं हुई। यह आमिर के प्रोडक्शन की 17वीं फिल्म है। संतोषी फिल्म निर्माण में अपनी सुस्ती के लिए काफी मशहूर हैं,मगर उनकी वह सुस्ती अब यहां नहीं चलेगी। क्योंकि आमिर ने ‘लाहौर-47’ की रिलीज डेट 15 अगस्त, 2025 फिल्म की घोषणा के साथ ही तय कर दी है। यह भी उनके फिल्म निर्माण के अनुशासन का एक हिस्सा है।
फुल टाइम फिल्म मेकिंग
फिलहाल आमिर की गतिविधियों से साफ लगता है कि वह फिल्म मेकिंग को पूरा समय दे रहे हैं। अपनी प्रोडक्शन की दो और फिल्मों के निर्माण की प्राथमिक तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा कमल हासन की अगली फिल्म ‘इंडियन-2’ को भी वह दिग्गज रजनीकांत के साथ रिलीज कर रहे हैं। असल में साउथ के दिग्गज अभिनेता कमल हासन के भी वह मुरीद हैं।
डायरेक्टर का एक्टर
अपने जुदा चेहरे के साथ वह फिर एक बार इस बात का खंडन करते हैं कि वह परदे के पीछे से डायरेक्टर को नियंत्रित करते हैं। वह हंसकर कहते हैं,‘असल में किसी बनी-बनाई धारणा को तोड़ना बहुत मुश्किल होता है। मैं जब यह कहता हूं कि मैं ऐसा नहीं करता हूं,तो ज्यादातर लोग मेरी बात का यकीन नहीं करते। सच तो यह है कि दूसरे एक्टर्स की तरह मैं भी डायरेक्टर का एक्टर हूं। मैं जब भी किसी के साथ काम करता हूं,उसके पूर्व काम को कभी नहीं देखता हूं। वह डायरेक्टर वर्तमान में मुझे कितना प्रभावित कर पाएगा,यही बात मेरे लिए ज्यादा मायने रखती है।’
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