2 डेड लाइन के बाद भी हाइड्रोजन प्लांट निर्माण अधूरा
जींद, 10 मार्च (हप्र)
जींद रेलवे जंक्शन पर देश के पहले हाइड्रोजन गैस प्लांट के निर्माण को दूसरी डेड लाइन भी गुजर रही है, मगर निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए अब तीसरी डेड लाइन निर्धारित करनी होगी। साल 2022 में जींद रेलवे जंक्शन पर 118 करोड़ रुपए की लागत से हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण शुरू हुआ था। यह गैस प्लांट दो हजार मीटर एरिया में लगाया जा रहा है। निर्माण कार्य के शुभारंभ के समय कहा गया था कि इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2023 के अंत तक पूरा हो जाएगा। यह डेड लाइन बीत गई, मगर निर्माण पूरा नहीं हुआ। इसके निर्माण के लिए दूसरी डेड लाइन मार्च 2024 निर्धारित हुई। अब यह दूसरी डेड लाइन पूरी होने में महज 20 दिन बचे हैं। इन 20 दिनों में हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण पूरा होना संभव हो नहीं है। अभी तक आधा निर्माण भी नहीं हो पाया है। फिलहाल सूरत-ए-हाल यह है कि 31 मार्च के बाद प्लांट के निर्माण के लिए तीसरी डेड लाइन निर्धारित करनी होगी। हाइड्रोजन प्लांट के निर्माण में कंपनियां बदलती गई, मगर बात नहीं बन पाई। रेलवे ने तीसरी कंपनी को निर्माण का काम सौंपा है। ग्रीन कंपनी ने शर्तों के अनुसार काम नहीं किया तो रेलवे ने उसका टेंडर रद्द कर मेधा कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी दी। कंपनियां बदलने के कारण निर्माण में बहुत ज्यादा समय लग रहा है।
अधिकारियों से नहीं मिला कोई जवाब
जींद में रेलवे के हाइड्रोजन प्लांट के निर्माण में देरी को लेकर स्टेशन अधीक्षक जेपी यादव कहते हैं कि उन्हें इस बारे जानकारी नहीं। संबंधित अधिकारी दिल्ली में बैठते हैं। रेलवे के अभियंता मल्होत्रा के फोन पर कई बार कॉल की गई, मगर उन्होंने कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।