For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पति ने कराया था 25 लाख का बीमा, प्रेमी के साथ मिलकर कर दी हत्या, अब फरार

10:38 AM Dec 03, 2024 IST
पति ने कराया था 25 लाख का बीमा  प्रेमी के साथ मिलकर कर दी हत्या  अब फरार
Advertisement

फरीदाबाद, 2 दिसंबर (हप्र)
एनआईटी तीन नंबर पुलिस चौकी के अंतर्गत शिवाजी पार्क के पास बने कमरे में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी।
सोमवार सुबह पुलिस ने शव सुलभ शौचालय के बाहर से बरामद किया। उस समय महिला और उसका प्रेमी फरार हो चुके थे। घर में उसकी तीन बेटियां थी। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। तीन नंबर पुलिस चौकी के प्रभारी सोमपाल ने बताया कि शिवाजी पार्क के पास सुलभ शौचालय है। इस पर विजय कुमार नामक व्यक्ति काम करता था और यहीं बने कमरे में पत्नी रेखा व तीन बेटियों के साथ रह रहा था।

Advertisement

अवैध संबंधों पर जताया था ऐतराज

पुलिस के अनुसार मृतक की पत्नी रेखा के अब्दुल्ला नामक युवक के साथ संबंध थे। वह इनके घर आता-जाता रहता था। इस बारे में विजय को पता लग गया। उसने पत्नी को खूब समझाया। पत्नी बार-बार गलती मान लेती। कुछ ही दिन पहले विजय ने पत्नी व अब्दुल्ला को देख लिया था। तब दोनों के बीच कहासुनी हुई। प्रभारी सोमपाल ने बताया कि इसी मामले के चलते रात को रेखा ने अपने प्रेमी को कमरे पर बुला लिया। देर रात उसने तकिया उसके चेहरे के ऊपर रखकर विजय का दम घोंट दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। उसके शव को शौचालय के बाहर फेंक दिया ताकि यह सामान्य मौत लगे। सूचना मिलने पर विजय का भाई बलबीर व अन्य रिश्तेदार आ गए।
विजय की नौ साल की बेटी सोनम ने यह सारा राज खोल दिया। उसने बताया कि रात को मम्मी और अंकल ने पापा के साथ मारपीट की थी। तकिया पापा के ऊपर रख दिया था। जब रेखा को पता लगा कि सोनम देख रही है तो उसे कमरे से दूर कर दिया था। पुलिस ने सोनम से भी बात की तो उसने इस बारे में बताया।

‘बीमे की रकम हड़पना चाहती थी’

मृतक के भाई बलबीर ने आरोप लगाया कि उसकी भाभी काफी लालची भी थी। उसके भाई का 25 लाख का बीमा था। वह भाई की हत्या कर बीमा की रकम हड़पना चाहती थी। उसने प्रशासन से मांग की है कि भाई की तीनों बेटियों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया जाए। क्योंकि अब उनकी देख-रेख करने वाला कोई नहीं है। बलबीर खुद ही काम की तलाश में घूम रहा है और कहीं और रहता है। उसने स्वीकार किया कि वह तीनों बेटियों की देखभाल नहीं कर सकता।

Advertisement

Advertisement
Advertisement