विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का मानवीय स्पर्श बेहद जरूरी : डॉ. दिनाकर कांजीलाल
रोहतक, 16 फरवरी (हप्र)
विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी ने मानव प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है, परंतु विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का मानवीय स्पर्श होना बेहद जरूरी है। देश की आर्थिक प्रगति तथा राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिक योगदान देने का आह्वान प्रतिष्ठित वैज्ञानिक तथा इंटर यूनिवर्सिटी एक्सीलेटर सेंटर, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डाॅ. दिनाकर कांजीलाल ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के भौतिकी विभाग द्वारा- फंक्शनल मैटीरियल्स एंड सेंसर्स विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि किया।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय भाषण देते हुए मदवि के डीन एकेडमिक एफेयरस प्रो. एएस मान ने कहा कि वैज्ञानिक शोध का इस्तेमाल समस्या उन्मूलन तथा मानव कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। युवा शोधार्थियों को रिसर्च ऐथिक्स पालन करने की सलाह प्रो. मान ने दी।
भौतिकी विभाग के अध्यक्ष तथा संगोष्ठी के संयोजक प्रो. राजेश पुनिया ने संगोष्ठी के थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी में आमंत्रित वक्ताओं के साथ-साथ प्रतिभागी डेलीगेट्स की शोध प्रस्तुतियों होंगी। 157 पोस्टर शोध पत्र भी संगोष्ठी में प्रस्तुत किए जाएंगे। आभार प्रदर्शन डाॅ. अनिल ओहल्यण ने किया।
आज संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन, दिल्ली की वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. पुष्पाश्री मिश्रा ने सेमीकंडक्टरस के उपयोग संबंधित व्याख्यान दिया। वहीं, जेएनयू नई दिल्ली के डाॅ. पवन कुमार कुलडिय़ा ने एडवांस्ड न्यूक्लियर मैटीरियल्स बारे व्याख्यान दिया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में भौतिकी विभाग के प्राध्यापक प्रो. संजय दहिया, प्रो. राजेश परमार, डाॅ. सज्जन दहिया, डाॅ. गरिमा ढिंगड़ा, डाॅ. रजनी बाला, डीन यूआईईटी प्रो. युद्धवीर, निदेशक सीआईएल प्रो. सपना गर्ग, जूलोजी विभागाध्यक्षा प्रो. विनीता शुक्ला, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी आदि उपस्थित रहे।