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HUKTA सेवा सुरक्षा की मांग तेज़, शिक्षामंत्री ने अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को दिया भरोसा

04:05 PM Jul 07, 2025 IST
hukta सेवा सुरक्षा की मांग तेज़  शिक्षामंत्री ने अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को दिया भरोसा
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अनिल शर्मा

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रोहतक, 7 जुलाई
हरियाणा के विश्वविद्यालयों में वर्षों से पढ़ा रहे अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को आखिरकार राहत की उम्मीद दिखाई दी है। सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रैक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रोहतक में शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने आगामी विधानसभा मानसून सत्र में इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाने की अपील की।

शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षकों की चिंताओं को जायज़ मानते हुए कहा, "आपकी सेवा सुरक्षा से जुड़ी फाइल पर काम हो रहा है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर का रोजगार न जाए। आप सरकार पर विश्वास रखें, आपकी नौकरी सुरक्षित है।"

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"वादा निभाने का समय अब आ गया है" – डॉ. विजय कुमार मलिक

हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह वादा किया था कि विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर्स की तरह सेवा सुरक्षा दी जाएगी। लेकिन अब तक कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है, जिससे शिक्षकों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है।

डॉ. मलिक ने कहा, "हममें से कई शिक्षक आवेदन की अधिकतम उम्र पार कर चुके हैं। ऐसे में यदि हमारी सेवाएं समाप्त होती हैं तो हम न तो नियमित पद के लिए आवेदन कर सकेंगे और न ही कहीं और नौकरी पा सकेंगे। यह केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि हमसे जुड़े हजारों परिवारों के लिए भी संकट का समय होगा।"

भर्तियों में अनुबंधित पदों को न मानने पर उठाए सवाल

हुकटा महासचिव डॉ. पुलकित बेरवाल ने चिंता जताई कि नियमित भर्तियों में अनुबंधित शिक्षकों के पदों को रिक्त मान लिया जाता है, जिससे पहले से कार्यरत योग्य शिक्षकों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा, "अगर समय रहते नीति नहीं बनी तो हजारों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।"

प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे विश्वविद्यालयों के शिक्षक

इस मौके पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से डॉ. रवीश कुमार, डॉ. कपिल और डॉ. प्रीति सहित अन्य अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर भी उपस्थित रहे, जिन्होंने मंत्री के समक्ष अपनी व्यथा साझा की।

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