हिमाचल विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा, वॉकआउट
शिमला, 11 अगस्त (निस)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने आज एक बार फिर भारी हंगामा किया और बाद में सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने यह हंगामा बीते रोज कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा नियम-130 के तहत प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर हुई चर्चा के दौरान दिए भाषण को सदन की कार्यवाही से हटाने के विरोध में किया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच व्यक्तिगत तौर पर भारी नारेबाजी और शोर-शराबा हुआ। विपक्ष ने पहले विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास और फिर सदन के बीचोंबीच जाकर नारेबाजी तथा हंगामा किया। बाद में पूरा विपक्ष नारे लगाते हुए सदन से बाहर चला गया। आज सदन का कार्यवाही आरंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जगत सिंह नेगी के भाषण को सदन की कार्यवाही से हटाने का मामला उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इस पर तुरंत ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सभी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के हंगामे को शांत करने का विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान सत्तापक्ष की ओर से भी नारेबाजी शुरू हो गई। भारी शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने को कहा, लेकिन विपक्ष ने इसे भी अनसुना कर दिया। स्पीकर ने शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इस दौरान भी विपक्ष नारेबाजी करता रहा और कुछ देर बाद वॉकआउट कर गया।
जयराम ने विपक्ष को दी चुनौती
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आक्रामक तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि विपक्ष के नेता मैदान में आने जाने की बात कह रहे हैं तो वह भी देखा जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने आज सारी सीमाएं लांघ दी और नेता प्रतिपक्ष धमकी देने पर उतर आए। उन्होंने कहा कि कल हमने सदन में विपक्ष का सबसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार देखा, जब विपक्ष ने एक ही दिन में तीन बार वॉकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर आना और फिर उठकर बाहर चले जाना विपक्ष की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से कांग्रेस के बहुत बड़े नेता नहीं बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं, क्योंकि वहां समझाने और नेतृत्व करने वाला कोई नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सदन को तमाशा बना रखा है, जो निंदनीय है।