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जहां 58 साल बाद भी अलग राजधानी नहीं, वहां संस्कृति और सभ्यता का विकास कैसे होगा : डूमरखां

07:48 AM Apr 02, 2025 IST
जहां 58 साल बाद भी अलग राजधानी नहीं  वहां संस्कृति और सभ्यता का विकास कैसे होगा   डूमरखां
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हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 1 अप्रैल
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बीरेंद्र सिंह डूमरखां ने कहा कि जिस राज्य में 58 साल बाद भी अपनी अलग राजधानी नहीं है, किराए की राजधानी में रहते हैं वहां संस्कृति और सभ्यता का विकास कैसे होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की अपनी अलग राजधानी होनी चाहिए। मंगलवार को रोहतक पहुंचे बीरेंद्र सिंह डूमरखां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा भी उनके साथ मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को गैर राजनीतिक नहीं राजनीतिक होना चाहिए ताकि सत्ता में आकर वह किसानों की हित की नीतियां बना सकें। उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि अगर राजनीतिक बनकर लड़ोगे तो ज्यादा फायदा होगा।
इस दौरान प्रदेश में चल रहे गन कल्चर विवाद पर उन्होंने कहा कि संस्कृति और सभ्यता का विकास तभी होता है जब अपना कल्चरल सेंटर हो और अपनी खास पहचान हो लेकिन हमारी तो अपनी राजधानी भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की संस्कृति और सभ्यता का विकास दो चीजों पर है एक तो हमारा कल्चरल सेंटर होना चाहिए और दूसरा हमारी अलग राजधानी होनी चाहिए। हमारा अलग हाईकोर्ट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि युवाओं में बेरोजगारी इसका बहुत बड़ा कारण है, इसकी जड़ को ही खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैन करना या सजा देना इस समस्या का हल नहीं है। सरकार को इस मामले में लेखक और गायकों के साथ बैठकर नीति बननी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैंने और शमशेर सिंह सुरजेवाला दो लोगों ने अलग राजधानी के लिए प्रयास किया था। मेरी सोच है कि अपना अलग से कल्चरल सेंटर होना चाहिए और दूसरा अपनी राजधानी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वोटो के लिए राजनीतिक रूप से चंडीगढ़ को हव्वा बना दिया गया है, कि चंडीगढ़ पर हमारा अधिकार खत्म हो जाएगा।
इसी प्रकार एसवाईएल के पानी की लड़ाई है, यह राजनीतिक बातें तो हो सकती है लेकिन इनका कोई आधार नहीं है। यह सब चीज किसी न किसी रूप में वोटों की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि जब हम छोटे थे तब सुनते थे की किसाऊ डैम का पानी आएगा, रेणुका डैम का पानी आएगा तो हरियाणा की धरती की प्यास मिट जाएगी लेकिन यह सब बातें अभी तक हवा हवाई हैं।
उन्होंने कहा कि किसाउ डैम  भी नेशनल प्रोजेक्ट डिक्लेअर होना चाहिए। संगठन के सवाल पर उन्होंने कि 8 व 9 अप्रैल  को कांग्रेस का अधिवेशन है  उसके बाद संगठन बनने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगर संगठन होता तो आज कांग्रेस सत्ता में होती।

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