कैसे रुके डायबिटीज का कहर
जीवनशैली बदलें
मधुमेह एक चयापचय विकृति होती है। आहार अनुशासन, जीवन शैली में बदलाव और स्वभाव में सकारात्मकता को बढ़ावा देकर ही इस विकृति को दूर किया जा सकता है। आहार में रेशा युक्त फल सब्जियां, अंकुरित अनाज, अलसी या सरसों के तेल से तैयार भोजन, उबला या भुना चना, शामिल करके इस रोग से बचा जा सकता है। सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच मेथीदाना पाउडर मिलाकर पीना चमत्कारी परिणाम दे सकता है। इसी तरह करेला और जामुन भी मधुमेह रोगियों के लिए मुफ़ीद बताए गए हैं। जीवनशैली में बदलाव के रूप में शारीरिक श्रम पर ध्यान देना होगा। शारीरिक श्रम से मांसपेशियां अतिरिक्त रक्त शर्करा को नष्ट करती हैं।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल
शारीरिक श्रम हो
जीवन में श्रम का महत्व घटता जा रहा है। जीवनशैली और खान-पान में बदलाव की वजह से भारत मधुमेह की राजधानी बनता जा रहा है। नि:संदेह इसकी मुख्य वजह हमारी जीवनशैली में कृत्रिमता, सुविधाभोगी जीवन, शिथिलता, प्रदूषण, तनाव व खानपान की आदतों में बदलाव आना है। यह रोग एक साइलेंट किलर की तरह होता है और कई अन्य घातक बीमारियों का भी जातक है। खान-पान की आदतों में बदलाव व फास्ट फूड से दूरी, हरी सब्जियां, ताजा फलों व साबुत अनाज के सेवन से मधुमेह रोग में बचाव हो सकता है। योगाभ्यास व सैर रोग को दूर रखने में मददगार हो सकता है।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली
जागरूकता जरूरी
डायबिटीज एक साइलेंट किलर का काम करता है। देश में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या दस करोड़ होना चिंता की बात है। कई बार देखने में आता है कि शरीर में यह रोग हो जाने के बाद व्यक्ति अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है जो कभी-कभी जान-लेवा भी सिद्ध हो जाती है। अतः इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपनी जीवन-शैली पर विचार करे। शरीर की जांच डाक्टर से करवाते रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त समाज में इस रोग के प्रति जागरूकता लाना भी जरूरी है।
सतीश शर्मा, माजरा, कैथल
खतरनाक संकेत
स्वास्थ्य पत्रिका लैसंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मधुमेह के मरीजों की तादाद 10 करोड़ से अधिक है और 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज हैं। पिछले चार सालों में इसके मरीजों की संख्या 44 फीसदी बढ़ी है। जिससे देश में किडनी, हार्ट अटैक, स्ट्रोक व अन्य घातक रोगों के बढ़ने की आशंका है। इसके प्रभाव को रोकने के लिए न केवल सरकारी स्तर पर लोगों को जागरूक करने बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर खान पान में मोटे अनाज को शामिल करने, शारीरिक श्रम करने, रक्त जांच व उपचार की जरूरत है।
देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद
सतर्क रहें
भारत में मधुमेह मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका मुख्य कारण जीवन जीने में तब्दीली है, जिसमें खानपान में लापरवाही, मोटापा बढ़ना, व्यायाम न करना आदि शामिल हैं! मधुमेह के मरीजों को व्हाइट ब्रेड, चावल, आलू, दूध, सॉफ्ट ड्रिंक, जंक फूड आदि से तौबा करनी चाहिए! खानपान में ग्रीन-टी, करेला, जामुन, मेथी, अंजीर के पत्ते, दालचीनी का पाउडर, नीम के पत्तों का पानी पीना चाहिए। नियमित तौर पर योग तथा व्यायाम करना चाहिए। समय-समय पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी शुगर टेस्ट करवानी चाहिए!
शामलाल कौशल, रोहतक
चिंताजनक स्थिति
देश में डायबिटीज रोग का बढ़ना चेतावनी देता है कि यदि समय रहते स्थिति को संभाला नहीं गया तो भविष्य में इस रोग से किडनी व अन्य प्रकार के गंभीर रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। आज का युवा टहलना, दौड़ना और व्यायाम करना भूल चुका है। वे अपने खान-पान में शुगर व नमक जैसी वस्तुओं में कमी करना पसंद नहीं करते हैं। फास्ट फूड ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सरकार को देशभर में मधुमेह से बचने के लिए लोगों में जागरूकता अभियान चलाना होगा। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेकर शहरों और सुदूर गांवों तक इस मुहिम को सफल बनाया जा सकता है।
सुभाष बुड़ावन वाला, रतलाम, म.प्र.
पुरस्कृत पत्र
योग और प्राणायाम
बड़े-बुजुर्गों का कहना हैmdash;पहला सुख निरोगी काया। अगर हमारा शरीर स्वस्थ है तो हम दुनिया के बहुत भाग्यशाली इंसान हैं। आजकल की जीवनशैली तो रोगों को आमंत्रित कर रही है। शारीरिक मेहनत से लोग जी चुराते हैं। आलस्य का जीवन हो गया है। इसके मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। योग-प्राणायाम को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें। खानपान का पूरा ध्यान रखें। रात का खाना खाने के बाद एक-दो किलोमीटर अवश्य टहलें। प्रकृति की दी हुई इस अनमोल कृति ‘मानव जीवन को जिएं, ढोएं नहीं।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम