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इराक से भारत कैसे पहुंचेंगे, 10वीं के विद्यार्थी नहीं दे पाए जवाब

08:42 AM Sep 23, 2023 IST
अकबरपुर बारोटा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्रों और शिक्षिका से संवाद करते शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अंशज सिंह।-हप्र

सोनीपत, 22 सितंबर (हप्र)
शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को जिले के 220 स्कूलों में पहुंचे अधिकारियों ने बौद्धिक व शैक्षणिक स्तर जांचने को विद्यार्थियों ने सवाल पूछे। जवाब के नाम पर विद्यार्थी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अंशज सिंह ने अकबरपुर बारोटा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दौरा करने के दौरान 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने पूछा कि इराक से भारत कैसे पहुंचेंगे। मानचित्र नहीं होने के कारण विद्यार्थी नहीं बता जाए। डायरेक्टर ने शिक्षक को डिजिटल मैप दिखाने को कहा, लेकिन शिक्षक को चलाना नहीं आता था। विद्यार्थियों ने डिजिटल बोर्ड पर मैप दिखाया और समझाया कैसे इराक से भारत पहुंचेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अंशज सिंह के साथ अधिकारियों की टीम सुबह 8 बजे ही स्कूलों में पहुंच गई थी। हाजिरी रजिस्टर की जांच की, जो शिक्षक गैरहाजिर मिले, उनके बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद स्वयं कक्षाओं में जाकर बच्चों से सवाल पूछे। उन्होंने साइंस लैब, केमेस्ट्री लैब, बायोलाजी लैब, कंप्यूटर लैब और गणित लैब का दौरा किया। उन्होंने विद्यालय की प्राचार्य भारती से लैब से संबंधित कार्यों के लिए मुख्यालय द्वारा दिए गए बजट के बारे में भी जानकारी ली। इस अवसर पर उनके साथ डीईओ नवीन गुलिया, एक्सईएन भूपेंद्र सिंह, मुख्यालय से डॉ. प्रमोद कुमार, सभ्रांत श्रीवास्तव, प्रवीण, मुनीश व विद्यालय स्टाफ सुनील बलदीप, अमित आदि उपस्थित थे।

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निदेशक ढिल्लो ने किया दातौली स्कूल का निरीक्षण

मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक आरएस ढिल्लो ने दातौली, गन्नौर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कक्षाओं में विद्यार्थियों से हिंदी, अंग्रेजी, गणित व विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे। इस दौरान छात्र अंग्रेजी विषय कमजोर मिले। निदेशक आरएस ढिल्लो ने स्टाफ को अंग्रेजी विषय पर ध्यान देने की नसीहत दी। इस अवसर पर सहायक निदेशक कुलदीप मेहता, डीईईओ महावीर सिंह आदि उपस्थित रहे।
शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ.अंशज सिंह ने कहा कि निदेशालय का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों को इतना बेहतर बनाया जाए कि अभिभावकों का विश्वास हो जाए कि प्राइवेट स्कूल से ज्यादा अच्छी पढ़ाई हो रही है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम चलाने का उद्देश्य भी यही है। इस दौरान स्कूलों की समस्याएं भी अधिकारियों के सामने रखी गईं।

पहली कक्षा के बच्चे नहीं लिख पाये अपना नाम

शिक्षा विभाग की उप निदेशक किरण ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गोहाना का दौरा किया। उन्होंने पहली कक्षा में बोर्ड पर बच्चों से हिंदी और अंग्रेजी में नाम लिखवा कर देखे। हिंदी में ठीक नाम लिखे और अंग्रेजी में कुछ बच्चे अपना नाम ही नहीं लिख पाए। दूसरी और तीसरी कक्षा में जोड़-घटा के प्रश्न हल करवा देखे। चौथी कक्षा में सिलाई और पेंटिंग की कक्षा चल रही थी। पांचवीं कक्षा की छात्राओं से पूछा कि महात्मा गांधी का चित्र कहां-कहां नजर आता है। कोई छात्रा जवाब नहीं दे पाईं। छठी और सातवीं कक्षाओं में छात्राओं से विषय से संबंधित प्रश्न पूछे।

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