यात्रा से लौट ऐसे करें घर व्यवस्थित
यात्रा के बाद बैग खाली करने को टालते रहने की वजह आलस, आदत या फिर मानसिक समस्या हो सकती है। लेकिन घर को व्यवस्थित करना भी तो जरूरी है। ऐसे में इच्छाशक्ति हो तो कुछ तरीके कारगर हो सकते हैं जैसे कि आसान चीजों को पहले निकालें या फिर घर के सभी सदस्य मिल-बांटकर यह काम निपटा लें।
अलका ‘सोनी’
जैसे ही छुट्टियां शुरू होती है, आपकी प्लानिंग भी शुरू हो जाती है कि कहां घूमने जाना है। उसके बाद शुरू होती है पैकिंग। अपने पसंदीदा कपड़ों, एसेसरीज सहित बाकी की जरूरी चीजों को आप भरती जाती हैं बैग में, यह सोच कर कि पता नहीं सफर में किन चीजों की जरूरत पड़ जाए। लेकिन जब आप वापस आती हैं तो इसका ठीक उल्टा होता है। सूटकेस और बैग करीब हफ्तेभर खाली नहीं होता है जो धुले कपड़ों की जगह गंदे कपड़ों, यात्रा में खरीदी गई चीजों और डिब्बों से भरा होता है। अगर आपकी छुट्टियों का सूटकेस अभी भी भरा हुआ है तो अब समय आ गया है कि आप इसे खोलें और चीजों को अरेंज करना शुरू करें। हालांकि बैग खाली करने के काम को लोग टालते रहते हैं। क्योंकि यह अवकाश के समय के अंत और रोजमर्रा की दिनचर्या में वापसी का संकेत देता है। कई बार, सामान खोलने की यह कठिनाई अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हो सकती है। इनके अलावा भी कई सारे कारण हो सकते हैं।
कल पर टालने की आदत
हममें से अधिकांश लोग अपरिहार्य कार्य को टालने के लिए हर बहाना ढूंढते हैं। चीजों को अरेंज करने के मामले में तो सबसे ज्यादा। लोगों की इन आदतों के बारे में , गुड़गांव के आर्टेमिस अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान के प्रमुख सलाहकार डॉ. राहुल चंडोक कहते हैं कि सामान खोलना कई लोगों के लिए भारी पड़ सकता है, क्योंकि यह अवकाश के समय के अंत और दिनचर्या में वापसी का संकेत देता है। यह वापस आपको जिम्मेदारियों का अहसास दिलाता है।
सामान खोलना बड़ी चुनौती
छुट्टियों के बाद जब आप काम पर या अपनी दिनचर्या में लौटते हैं, तो दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की जिम्मेदारियों का बोझ फिर से आपके ऊपर आता है। जिससे कई बार आप कुछ दिनों के लिए उदास महसूस कर सकते हैं। खासकर एक मनपसंद यात्रा के बाद, सामान खोलने का विचार थकान, अनिच्छा या तनाव की भावना पैदा कर सकता है।
वास्तविकता से दूर होना
यात्रा के बाद सामान खोलने में देरी करने का यह व्यवहार दर्शाता है कि आप अपनी जीवनशैली में अचानक होने वाले बदलावों को लेकर काफी झिझकते हैं। वहीं समय का प्रबंधन प्रभावी ढंग से करने में कोताही करते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है मामला
मनोचिकित्सकों के अनुसार, छुट्टी के बाद सामान खोलने में कठिनाई का हमेशा यह मतलब नहीं होता कि आप मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। लेकिन जिन लोगों को अपने हाथ में लिए गए कामों को पूरा करने में कठिनाई होती है और जो लोग अक्सर कुछ कामों को टालते हैं, यह उनमें अंतर्निहित चिंता की समस्या हो सकती है। उन्हें ज़िम्मेदारियों का सामना करना कठिन लग सकता है। ऐसे में कदम दर कदम उठाते हुए अपनी चीजों को पहले की तरह अच्छे से सजा लें। जिसके लिए जरूरत है इच्छाशक्ति की।
शुरुआत करें आसान चीजों से
यात्रा के बाद लोग दो प्रकार का व्यवहार करते हैं : एक वे जो दरवाजे के अंदर कदम रखते ही अपना सामान खोलने की इच्छा महसूस करते हैं, और दूसरे वे जो अपना बैग खोलने तक में असमर्थ होते हैं। ऐसे में सबसे आसान चीजों से शुरुआत करें और फिर ज़्यादा मुश्किल चीज़ों की ओर बढ़ें। या फिर सामान धीरे-धीरे खोला जाए, एक बार में एक सेक्शन को खाली किया जाए।
बांधें समय सीमा
विशेषज्ञों का सुझाव है कि कार्य को छोटे-छोटे चरणों में विभाजित करने से आपको सामान खोलने की प्रक्रिया के लिए मानसिक रूप से तैयार होने में मदद मिल सकती है। आप इसके लिए एक विशिष्ट समय निर्धारित कर दें, तथा इसे छुट्टियों के बाद के किसी अन्य आवश्यक कार्य की तरह ही लें। जैसे ई-मेल जांचना या कपड़े धोना।
सहयोग लें
घूमकर आने के बाद दूसरों की तरह आप भी थका महसूस करती होंगी। इसलिए बैग्स खाली करने में आप अपने परिवार के बाकी सदस्यों को भी शामिल करें। इसमें चाय पीते हुए या परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए एक घंटा सामान खोलने में लगाना शामिल हो सकता है। आप 4-5 दिनों तक हर दिन 30 मिनट सामान खोलने में लगा सकते हैं। इस तरह, आप दबाव महसूस नहीं करेंगे।
ध्यान रखें अपने मूड का भी आपको अपना मूड भी बदलने की ज़रूरत है। अगर आप सामान खोलते समय शांत माहौल बनाती हैं, जैसे कि संगीत सुनना या पॉडकास्ट सुनना, तो आपको काम आसान लग सकता है। पसंदीदा स्नैक लेती हैं तो इससे काम पूरा करने के लिए प्रेरणा मिल सकती है।