अपने जिले, विधानसभा, बूथ व तोशाम में अपने मामा के गांव से कैसे हारे राव दान सिंह : किरण
भिवानी, 15 जून (हप्र)
भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की हार को लेकर प्रत्याशी रहे राव दानसिंह व दिग्गज नेता किरण चौधरी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां राव दानसिंह अपनी हार का ठीकरा किरण चौधरी व उनके समर्थकों पर फोड़ चुके हैं, तो वहीं अब किरण चौधरी ने दानसिंह पर पलटवार किया। गौरतलब है कि अपनी हार के बाद राव दानसिंह ने आरोप लगाया था कि तोशाम से किरण चौधरी व उनके कार्यकर्ताओं की बदौलत वो जीती हुई बाजी हार गए।
अब तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी भिवानी पहुंची तो उन्होंने कहा, ‘हम भी दो चुनाव हारे। राव दानसिंह के जिला महेन्द्रगढ़ से तो पिछली बार जमानत भी नहीं बची, पर हमने न कभी मुंह खोला, न किसी पर कोई आरोप जड़ा। बल्कि जनता के फैसले को स्वीकार किया।’ उन्होंने कहा कि दानसिंह बताएं कि वह अपने जिले की सभी विधानसभाओं से क्यों हारे, अपनी विधानसभा से क्यों हारे, अपने बूथ से क्यों हारे और तोशाम में अपने मामा के गांव से क्यों हारे। किरण ने कहा कि तोशाम विधानसभा से खुद श्रुति बड़े मतों से हारी थी। उन्होंने कहा कि इस बार तो हमने दानसिंह के लिए हार के इस मार्जिन को बहुत कम किया है।
किरण चौधरी ने आरोप लगाए कि राव दानसिंह ने कभी हमें कार्यक्रम में बुलाना तो दूर, न कोई सूचना दी, न कभी फोन उठाया। ऐसे में हमारे कार्यकर्ताओं पर हराने का आरोप लगाना गलत है। दानसिंह के साथ किरण चौधरी ने बिना नाम लिए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की 5 सीटें किसी नेता के कारण नहीं, बल्कि जनता में गुस्सा था और जनता ने खुद चुनाव लड़ा, इसलिए जीतीं। उन्होंने कहा कि टिकटें सही बंटती तो जीत और ज्यादा होती। किरण ने कहा कि भिवानी बंसीलाल का गढ़ है। पार्टी सर्वे में श्रुति 56 प्रतिशत व दानसिंह 32 प्रतिशत पर थे। श्रुति ने मेहनत भी की थी, पर श्रुति की टिकट सिर्फ इसलिए कटवाई गयी कि कहीं मैं आगे न चली जाऊं।
उन्होंने कहा कि हमारे साथ विश्वासघात हुआ, हमें मारने व मिटाने की कोशिश की गई।
किरण ने कहा कि जब तक जनता मेरे साथ है, मैं मरने या मिटने वाली नहीं।