For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

राजमार्ग कैसे बंद हो सकता है, शंभू बार्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा को फटकार

04:07 PM Jul 12, 2024 IST
राजमार्ग कैसे बंद हो सकता है  शंभू बार्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा को फटकार
शंभू बॉर्डर की फाइल फोटो।
Advertisement

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा)

Advertisement

Shambhu Border Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से अंबाला के पास शंभू बार्डर पर लगाए गए अवरोधक हटाने का निर्देश देते हुए राजमार्ग को अवरुद्ध करने के उसके अधिकार पर प्रश्न उठाए। अपनी विभिन्न मांगों के पक्ष में किसान 13 फरवरी से शंभू बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के पक्ष में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।

Advertisement

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि राज्य, हाई कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है जिसमें उसे सात दिन के भीतर राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया गया था।

वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के बारे में पीठ को सूचित किए जाने पर न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा, ‘‘कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका कर्तव्य है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलिए, लेकिन नियंत्रित कीजिए।''

न्यायमूर्ति कांत ने राज्य के वकील से कहा, ‘‘आप उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती क्यों देना चाहते हैं? किसान भी इस देश के नागरिक हैं। उन्हें भोजन और अच्छी चिकित्सा सुविधा दीजिए। वे आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे। मुझे लगता है कि आप सड़क मार्ग से यात्रा नहीं करते हैं।''

इस पर वकील ने कहा कि वह भी सड़क मार्ग से ही यात्रा करते हैं। पीठ ने कहा कि तब तो उन्हें (वकील) भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा होगा। पीठ ने साथ ही राज्य सरकार से लंबित मामले में हुई प्रगति पर हलफनामा दाखिल करने को कहा।

शीर्ष अदालत हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सात मार्च के फैसले को चुनौती दी गई है। फैसले में फरवरी में प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रैल को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में 21 फरवरी को हुई झड़प में बठिंडा के 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

यह घटना उस समय हुई जब कुछ प्रदर्शनकारी किसान सीमा पर लगाए गए अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोका था।

हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर से अवरोधक हटाने का आदेश दिया था। अदालत ने यह भी कहा था कि यदि कानून-व्यवस्था से जुड़े कोई हालात पैदा हों तो राज्य सरकार कानून के अनुसार एहतियाती कार्रवाई कर सकती है। अदालत ने इसी प्रकार के आदेश पंजाब सरकार को भी दिए थे।

Advertisement
Tags :
Advertisement