For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

हूतियों के हमले

06:38 AM Dec 26, 2023 IST
हूतियों के हमले
Advertisement

इस्राइल व हमास के बीच जारी युद्ध की तपिश अब लाल सागर समेत अन्य अंतर्राष्ट्रीय नौवहन मार्गों को अपनी चपेट में ले रही है। हाल के दिनों में हमारी समुद्री सीमा के निकट अरब सागर तथा लाल सागर में उन जहाजों को निशाना बनाया गया, जो भारत आ रहे थे। ये जहाज भारत के स्वामित्व वाले तो नहीं थे, लेकिन उनका संचालन भारतीयों के हाथ में था। यमन के हूती विद्रोही पिछले कुछ समय से लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर ड्रोन व मिसाइलों से लगातार हमले कर रहे हैं। खासकर उन जहाजों पर जिनको लेकर उन्हें शक है कि वे किसी न किसी रूप में इस्राइल से संबंध रखते हैं। निस्संदेह, इन हमलों से समुद्री व्यापार पर घातक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही इस्राइल व हमास के बीच जारी संघर्ष के अंतर्राष्ट्रीय रूप लेने की आशंका है। इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका ने लाल सागर में जहाजों को सुरक्षा देने के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनायी है। हालांकि, अरब देशों ने इस्राइल को मदद पहुंचने की चिंता में इस टास्क फोर्स में कोई रुचि नहीं दिखायी है। यूं तो कई अरब देशों को इन हमलों का शिकार होना पड़ रहा है। लेकिन उन्हें लग रहा है कि इस टास्क फोर्स से गाजा में लड़ाई लड़ रहे इस्राइल को फायदा पहुंच सकता है। अरब देशों में केवल बहरीन खुलकर टास्क फोर्स के साथ खड़ा नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी रक्षा विभाग का कहना है कि गुजरात के पास अरब सागर में चेम प्लूटो नामक टैंकर पर हुए हमले में ईरान से छोड़े गए ड्रोन का प्रयोग हुआ है। दरअसल, सऊदी अरब से चले इस टैंकर को भारत के न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर पहुंचना था। सात अक्तूबर को इस्राइल पर हुए हमास के हमले के बाद हुई जवाबी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में जो तनाव बढ़ा है, उसका असर इस समुद्री मार्ग पर होने वाले हमलों के रूप में हुआ है। उसके बाद ईरान समर्थित हूती विद्रोही अंतर्राष्ट्रीय सीमा में जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
दरअसल, चिंता की बात यह है कि गुजरात तट तथा लाल सागर में जिन समुद्री जहाजों को हमले का शिकार होना पड़ा, उन दोनों में चालक दल के सदस्य भारतीय थे। चिंता की बात यह है कि समुद्री मार्गों पर हूती विद्रोहियों द्वारा जहाजों पर मिसाइलें दागी जा रही हैं। लगातार हो रहे ड्रोन व मिसाइल हमलों के कारण तमाम समुद्री जहाज अपना मार्ग बदल रहे हैं। इन हमलों में कम से कम एक दर्जन से ज्यादा जहाज प्रभावित हुए हैं। इस संकट को देख भारत की नौसेना भी अलर्ट पर है और हमले का शिकार बने चेम प्लूटो नामक जहाज की मदद के लिये अपने जहाज भेजे थे। यह अच्छी बात है कि हमले के बाद लगी आग को चालक दल के सदस्यों ने नियंत्रित कर लिया और कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ। इस जहाज के चालक दल में करीब बीस भारतीय शामिल थे। कहा जा रहा है कि जहाज के इस्राइल कनेक्शन होने के संदेह में हूती विद्रोहियों ने उसे निशाना बनाया। वहीं दूसरी ओर लाल सागर में क्रूड ऑयल टैंकर( साईबाबा) को ड्रोन हमले का शिकार बनाया गया। जिसके चालक दल में पच्चीस भारतीय मौजूद थे। इस हमले के दौरान अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत के पहुंचने से हूतियों के ड्रोनों को खदेड़ा गया। निश्चित रूप से एक दर्जन से अधिक हमलों के बाद लाल सागर में सक्रिय कई शिपिंग समूहों ने इस मार्ग से होने वाली जहाजों की आवाजाही को फिलहाल रोक दिया है। उधर अमेरिका इन हमलों के लिये खुले तौर पर ईरान को दोषी बता रहा है,लेकिन ईरान इस बात से इनकार कर रहा है। साथ ही दलील दे रहा है कि भले ही वह हूती विद्रोहियों को राजनीतिक संबल देता है, लेकिन उन्हें हथियारों की पूर्ति नहीं करता। लेकिन इसके ठीक विपरीत ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडर चेतावनी देते हैं कि गजा में इस्राइल के हमले न रुके तो लाल सागर के अलावा भूमध्यसागर और जिब्राल्टर की खाड़ी आदि समुद्री मार्गों को भी बंद किया जा सकता है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement