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घर-घर जाकर किया सर्वे, मतदाता सूचियों में हैं मृतकों के नाम

06:38 AM Jul 28, 2024 IST
घर घर जाकर किया सर्वे  मतदाता सूचियों में हैं मृतकों के नाम
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पंचकूला, 27 जुलाई (हप्र)
हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मतदाता सूचियों में व्याप्त भारी त्रुटियों पर गहरी चिंता जताते हुए इनके निराकरण के लिए देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने शनिवार को हरियाणा एमएलए हॉस्टल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन कमियों को दूर करने के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि गत लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों की अनेक खामियां संज्ञान में आई। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के अनेक बूथों का डोर टू डोर सर्वे करवाया। इस सर्वे में गंभीर त्रुटियां उजागर हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इनका निराकरण जरूरी है।
गुप्ता ने पंचकूला के सेक्टर-20 स्थित बूथ नंबर 48 का उदाहरण देते हुए कहा कि कुल 1376 मतदाताओं में से 38 मृत थे, 257 मतदाता पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट हो चुके हैं। सर्वे में पाया गया है कि जो मतदाता स्थानांतरित हो गए थे, उन्होंने पंचकूला में भी वोट डाला। उन्होंने आशंका जताई कि विधानसभा चुनावों में दूसरे राज्यों के मतदाता परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के कुल 200 बूथों में से लगभग 23 बूथों पर सर्वे करवाया गया है। इन बूथों पर 3906 मतदाता ऐसे मिले जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे स्थानांतरित हो चुके हैं। ऐसे में प्रत्येक बूथ पर औसतन करीब 200 मतदाता गलत ढंग से दर्ज हैं। निर्वाचन क्षेत्र के सभी बूथों पर यह संख्या करीब 35 हजार हो सकती है। उन्होंने मतदान केंद्र की दूरी का मामला भी मुख्य निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाया है। गुप्ता ने कहा कि चंडी मंदिर छावनी क्षेत्र के मतदाताओं के लिए करीब 6 किलोमीटर दूर सेक्टर 6 स्थित स्कूल में मतदान केंद्र स्थापित किया गया। इस दूरी के कारण गत चुनाव में यहां मात्र 11 फीसदी मतदाता ही मतदान के लिए पहुंचे। विस अध्यक्ष ने कहा कि पंचकूला के सीमावर्ती इलाकों में स्थित लेबर कॉलोनियों में डबल वोट हैं। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले वृद्धजनों की समस्या को भी उजागर किया। विस अध्यक्ष ने चेताया कि कुछ रिटर्निंग अधिकारियों ने जानबूझकर मतदान की प्रक्रिया को धीमा किया। इसके कारण कतारें लंबी हो गईं और मतदाताओं को इंतजार करना पड़ा। अनेक मतदाताओं ने इस कारण वोट ही नहीं डाला।

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