फरीदपुर में पंचायती गली पर खड़ा किया मकान
घरौंडा, 8 सितंबर (निस)
फरीदपुर गांव में एक ग्रामीण ने सरकारी गली पर कब्जा कर अपना मकान खड़ा कर दिया। करीब पांच साल तक मामला न्यायालय में विचाराधीन रहा। डीडीपीओ की कोर्ट से एसडीएम कोर्ट में केस ट्रांसफर हुआ तो एसडीएम कोर्ट ने ग्राम पंचायत व याचिकाकर्ता के हक में फैसला दिया। कब्जाधारी ने एसडीएम कोर्ट के फैसले को जिला उपायुक्त की कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन डीसी कोर्ट ने एसडीएम के फैसले को यथावत रखा। जिला उपायुक्त की कोर्ट ने बीडीपीओ को सरकारी गली से कब्जा हटवाने के आदेश जारी कर दिए। करीब एक माह का समय बीतने को है, लेकिन बीडीपीओ प्रशासन की तरफ से आदेशों की पालना नहीं हुई। इसकी वजह से याचिकाकर्ता गोपीचंद में रोष है। गोपीचंद का कहना है कि रास्ता कब्जा मुक्त करवाने के लिए वे कई बार बीडीपीओ कार्यालय में चक्कर काट चुके हैं, लेकिन बीडीपीओ द्वारा एक ही जवाब दिया जाता है कि दोबारा निशानदेही करवाई जाएगी और उसके बाद कब्जा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
क्या है मामला
फरीदपुर के रामसिंह ने पंचायती रास्ते के 11 फुट हिस्से पर कब्जा किया और अपना मकान बना लिया। ग्राम पंचायत फरीदपुर व एक ग्रामीण गोपीचंद ने 21 अक्तूबर, 2016 को डीडीपीओ करनाल की कोर्ट में केस डाल दिया। डीडीपीओ की कोर्ट ने इसे नाजायज कब्जा करार दिया और कब्जाधारी को जमीन कब्जामुक्त करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता गोपीचंद ने बताया है कि 6 मार्च 2019 को यह केस एसडीएम घरौंडा की कोर्ट में पहुंचा। एसडीएम कोर्ट ने बीती 30 मार्च को अपना फैसला सुनाया और खंड विकास एवं पंचायती अधिकारी को जमीन कब्जा मुक्त करवाने के आदेश पारित किए। राम सिंह ने बीती 19 अप्रैल को जिला उपायुक्त की कोर्ट में एसडीएम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। जहां जिला उपायुक्त की कोर्ट ने बीती दो अगस्त को एसडीएम कोर्ट के फैसले को बहाल रखा और बीडीपीओ घरौंडा को जमीन कब्जा मुक्त करवाने के आदेश जारी कर दिए।